हिंदू सम्मेलन: आध्यात्मिक ऊर्जा, सांस्कृतिक गौरव और संगठन शक्ति का महासंगम
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- Dec 07, 2025
मीरजापुर, 7 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जनपद में लालगंज तहसील क्षेत्र के गंगहरा कला में रविवार को आयोजित विशाल हिंदू सम्मेलन ने पूरे क्षेत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक गर्व से सराबोर कर दिया। मंच पर जुटे वक्ताओं ने सनातन परंपरा की शक्ति, भारतीय चिंतन की समता और समाज की सामूहिक भूमिका को नई ऊर्जा देते हुए हिंदू समाज को अपने मूल्यों, संगठन और जागरूकता के प्रति सजग रहने का संदेश दिया।
मुख्य अतिथि श्याम बाबा महाराज ने कहा कि भारत की सनातन संस्कृति सदैव सामूहिक शक्ति से ही तेजस्वी बनी रही है। जब-जब समाज में दुर्भावनाएं बढ़ीं, तब पीड़ाओं का दौर आया, लेकिन संगठन और आत्मबल ही वह शक्ति है जिसने राष्ट्र को संभाले रखा।
प्रांत प्रचारक रमेश कुमार ने भारतीय चिंतन की आत्मा, समानता, स्वतंत्रता और सियाराममय भाव को सबसे बड़ी सांस्कृतिक पहचान बताया। उन्होंने चेताया कि समाज का बिखराव ही भारत के विभाजन, विदेशी आक्रमण और मंदिरों पर हमलों का प्रमुख कारण रहा है। उन्होंने उदाहरण दिया कि ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन भी समाज की असंगठित स्थिति का परिणाम था।
विशिष्ट अतिथि राम नगीना सरोज ने महिला सशक्तिकरण पर बल देते हुए कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
अन्य विशिष्ट अतिथि सुरेंद्र प्रसाद बिंद ने कहा कि भारत की धरती ज्ञान, विज्ञान और सनातन मूल्यों की जननी रही है।
अध्यक्षता कर रहे प्रो. गोविंद दुबे ने कहा कि विज्ञान और अध्यात्म आज वैश्विक विमर्श की धुरी हैं और दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं, विरोधी नहीं।
कार्यक्रम का संचालन सुशील दुबे ने किया। इस अवसर पर रजत, अभिषेक, आनंद, दीनदयाल, बालेंदुमणि त्रिपाठी, गुरु प्रसाद, अमरेश पांडेय, जयप्रकाश, बीपी दुबे, विजय सिंह, संतोष दुबे सहित बड़ी संख्या में महिला-पुरुष उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा



