वन विभाग ने चित्रकूट के पुरा तालाब से किया 12 कछुओं का रेस्क्यू

चित्रकूट,20 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जनपद में वन्यजीवों के संरक्षण के दृष्टिगत शनिवार को रानीपुर टाइगर रिजर्व की बरगढ़ रेंज टीम द्वारा लालतारोड स्थित पुरा तालाब से प्रतिबंधित प्रजाति के 12 जीवित कछुओं का रेस्क्यू किया गया।

शनिवार को ग्रामीणों द्वारा सूचना दी गई कि लालतारोड के पास पुरा तालाब में लघु सिंचाई विभाग द्वारा गहरीकरण का कार्य कराया जा रहा है, जहां कुछ कछुए पाये गये हैं। इस सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुँचकर 12 कछुओं का सफल रेस्क्यू किया गया। इस दौरान कुछ ग्रामीणों भी कछुएं ले गए। जिन्हें वन्य जीव अधिनियम 1972 के कानून की जानकारी देते हुए बताया गया कि प्रतिबंधित जलीय वन्य जीवों को अपने कब्जे में रखना दण्डनीय अपराध है।

कार्यदायी संस्था लघु सिंचाई विभाग के अधिकारियों को भी अवगत कराया कि तालाब से सम्बन्धित कार्य करने के दौरान समस्त जलीय जन्तुओं व वन्य जीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करें एवं कार्य करने से पूर्व वन विभाग को सूचित करें, ताकि जलीय वन्य जीवों को किसी प्रकार की कोई हानि न होने पाये। वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर बरामद किए गए कछुओं को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची-2 के तहत संरक्षित किया हैं। साथ ही आरोपियों के विरुद्ध अधिनियम की धारा 39 और 51 के तहत मामला दर्ज किया है। इस सम्बन्ध में प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि कोई भी वन्यजीव सरकारी संपत्ति माना जाता है, वन विभाग पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है। कछुओं को सुरक्षित रूप से रेस्क्यू कर लिया गया है और जल्द ही उन्हें नियमानुसार उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ा जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / रतन पटेल