भौतिकवादी युग में साहित्य की साधना बहुत कठिन : विक्रम सिंह

सामाजिक परिवर्तन व क्रांतियों में कवियों-साहित्यकारों की भूमिका : संजीव सिंह

प्रयागराज, 13 दिसंबर (हि.स.)। काव्यांगन हिन्दी की राष्ट्रीय संस्था एवं ग्रंथ विमोचन कार्यक्रम 13 व 14 दिसंबर को प्रयागराज के राज्य शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान में शनिवार को प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विक्रम सिंह, सीनियर जेल सुपरिटेंडेंट नैनी ने कहा कि इस भौतिकवादी युग में साहित्य की साधना बहुत कठिन है। आज एक हाथ ले और दूसरे हाथ अच्छी परम्परा है, मानव के मन को संतुष्टि देने वाला यह कार्य वास्तव में अद्वितीय है।

उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न प्रांतो से पधारे रचनाकारों को एक ही स्थान पर देखकर मुझे आनंद हो रहा है। प्रयागराज के इस पावन धरती पर दो दिन तक चलने वाली साहित्य साधना के लिए मैं आप सबका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। इस प्रथम सत्र में देश भर से पधारे जिन रचनाकारों ने काव्य पाठ किया उनमें पूर्णिमा भसीन, कालीचरण, मीनाक्षी गर्ग, अलका बलूनी पंत, सुषमा पांडे रहीं।

इसके पूर्व अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर एवं काव्यांगन के संस्थापक डॉ रामकृष्ण शर्मा के चित्र पर माल्यार्पण किया। काव्यांगन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमापति त्रिवेदी ने अभिनंदन ग्रंथ का वाचन किया तथा राष्ट्रीय सचिव विवेक गोयल ने अब तक किए गए कार्य की समीक्षा प्रस्तुत की। इस अवसर पर युवा साहित्यकार अर्पित सर्वेस की पुस्तक ’तुम्हारा जवाब’ का लोकार्पण हुआ।

इसी के साथ-साथ लखनऊ से पधारी साहित्यकार श्रीमती पूर्णिमा भसीन की दो पुस्तकों का भी लोकार्पण हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार महेंद्र राय ने की। संचालन आरती रावत पुंडीर ने किया। कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ साहित्यकार महेंद्र राय ने सभी का आशीर्वचन देकर सत्र का समापन किया।

काव्यांगन हिन्दी के राष्ट्रीय मंच का द्वितीय सत्र आरंभ हुआ। इसके मुख्य अतिथि महाधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने कहा कि साहित्य मानव को पशुता से देवत्व की ओर ले जाता है। उन्होंने कहा कि जितने भी सामाजिक परिवर्तन और क्रांतियां हुई हैं उन सब के पीछे कवियों और साहित्यकारों की भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में वंदे मातरम् जीत ने लोगों के अंदर भारत माता के लिए तन, मन, धन समर्पित करने का उल्लास पैदा कर दिया। उन्होंने देश भर से आए सभी साहित्यकारों को धन्यवाद व्यापित किया। कार्यक्रम में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता देवेंद्र पांडे, गजेंद्र सिंह, डॉ राकेश कुमार राकेश ने भी सम्बोधित किया।

इस सत्र में साहित्यकार श्रीमती कमलेश ढींगरा की पुस्तक ’अनुभूति के रंग’ का विमोचन हुआ। इस सत्र में भारत के विभिन्न जनपदों से पधारे कवियों ने काव्य पाठ किया। जिसमें बरेली से डॉ राकेश शर्मा ’राकेश’, दिल्ली से पधारी डॉक्टर ममता परिहार, गोरखपुर से पधारे मुक्तिनाथ त्रिपाठी, दिल्ली से आभा त्रिवेदी, बरेली से राजेंद्र दिवाकर आदि ने काव्य पाठ किया। मंच पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र कुमार पांडे तथा वरिष्ठ साहित्यकार मुक्तिनाथ त्रिपाठी रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार गजेंद्र सिंह ने की। कार्यक्रम का संचालन दिल्ली से पधारे विवेक गोयल ने किया। आभार व्यक्त का व्यंजन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमापति त्रिवेदी ने किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र