विनेश फोगाट ने कुश्ती फेडरेशन को 'गुंडा-बदमाश' कहा:बोलीं- इसमें बैठे लोग मनमर्जी चला रहे; चैंपियनशिप खेलने से रोकी इंटरनेशनल रेसलर के समर्थन में उतरीं

सीनियर स्टेशन चैंपियनशिप में खेलने से रोकी गई अंतरराष्ट्रीय कुश्ती खिलाड़ी निर्मल बूरा के समर्थन में पूर्व कुश्ती खिलाड़ी और कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट आ गई हैं। विनेश ने कुश्ती फेडरेशन पर गंभीर आरोप लगाते हुए उसे 'गुंडा-बदमाश' बताया है। कहा कि वह निर्मल बूरा के सम्मान और हर खिलाड़ी के अधिकार के लिए खड़ी हैं। विनेश फोगाट ने अपने X हैंडल पर इस संबंध में पोस्ट डाली। इसमें लिखा कि फेडरेशन में ऐसे लोग बैठे हैं, जो मनमर्जी से, बिना किसी पारदर्शिता के खिलाड़ियों को शामिल या बाहर करने का फैसला ले रहे हैं। उन्होंने इस व्यवहार को शर्मनाक बताया। बता दें कि यह विवाद तब शुरू हुआ जब हिसार जिले के हांसी में रेसलिंग हरियाणा सीनियर स्टेट चैंपियनशिप के दौरान अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और हरियाणा पुलिस की इंस्पेक्टर निर्मल बूरा को खेलने से रोक दिया गया। इससे वे काफी निराश हुई थी। यहां तक कि उनकी आंखों से आंसू भी आ गए थे। उन्होंने इसके खिलाफ रेसलिंग फेडरेशन और कोर्ट जाने की भी बात कही थी। उधर, अब विनेश फोगाट ने भारत सरकार और खेल मंत्रालय से इस मामले में हस्तक्षेप कर निर्मल बूरा को न्याय दिलाने की मांग की है। विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कही 2 बातें... निर्मल के साथ अनुचित व्यवहार, आधिकारिक सूचना तक नहीं दी विनेश फोगाट ने अपनी पोस्ट में निर्मल बूरा को हरियाणा की एक अत्यंत सम्मानित और उपलब्धि-सम्पन्न खिलाड़ी बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि निर्मला भीम अवार्डी, कॉमनवेल्थ गेम्स सिल्वर मेडलिस्ट, एशियन चैंपियनशिप सिल्वर मेडलिस्ट और 20 बार सीनियर नेशनल मेडलिस्ट रही हैं। इनमें से 14-15 गोल्ड मेडल सिर्फ सीनियर नेशनल स्तर पर हैं। वर्तमान में वे हरियाणा पुलिस में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। विनेश ने आगे लिखा कि हाल ही में हरियाणा में नेशनल के लिए हुए ट्रायल में निर्मल बूरा के साथ अनुचित व्यवहार किया गया। उनकी ट्रायल तक नहीं ली गई, न कोई कारण बताया गया और न ही कोई आधिकारिक सूचना दी गई। खिलाड़ी की सुनवाई नहीं हो रही, भावी पीढ़ी कैसे सुरक्षित होगी विनेश ने आगे कहा कि, यदि निर्मल बूरा जैसी अनुभवी और देश के लिए अनगिनत पदक जीतने वाली खिलाड़ी की सुनवाई नहीं हो रही, तो आने वाली पीढ़ी के खिलाड़ियों का भविष्य कैसे सुरक्षित रहेगा? यह स्थिति केवल एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि पूरे भारतीय खेल तंत्र पर एक प्रश्न है और अब इसमें सुधार अनिवार्य हो चुका है। खेलों में पारदर्शिता, जवाबदेही और निष्पक्षता बहाल करना समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है, ताकि हर खिलाड़ी को उसकी योग्यता और प्रदर्शन के आधार पर पहचान मिल सके। दुर्भाग्य यह है कि हरियाणा और केंद्र का खेल मंत्रालय इस गंभीर मुद्दे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा, जबकि खिलाड़ी पूरे वर्ष कड़ी मेहनत करते हैं और उचित अवसर की उम्मीद में रहते हैं। यहां सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला... रेसलिंग संगठन के महासचिव ये बताई थी वजह दूसरी ओर, हरियाणा ओलिंपिक एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और रेसलिंग हरियाणा संगठन के महासचिव राकेश सिंह ने निर्मल बूरा को खेलने से रोकने की वजह बताई थी। कहा था कि फेडरेशन की नीति के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर केवल वही खिलाड़ी भेजे जाते हैं, जो जिला स्तर पर खेलकर अपनी योग्यता साबित करते हैं । तर्क दिया था कि एक खिलाड़ी जिसने पांच मुकाबले जीतकर क्वालीफाई किया हो और एक खिलाड़ी जो बिना जिला स्तर खेले सीधे स्टेट या नेशनल खेलना चाहे, यह अन्य खिलाड़ियों के साथ अन्याय होगा। उन्होंने स्पष्ट किया था कि इसी कारण निर्मल बूरा को खेलने की अनुमति नहीं दी गई। राकेश सिंह ने यह भी स्वीकार किया था कि निर्मल एक बेहतरीन अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं और भविष्य की प्रतियोगिताओं में उनका स्वागत रहेगा। ------------------ ये खबर भी पढ़ें.... हरियाणा पुलिस इंस्पेक्टर को खेलने से रोका:स्टेट चैंपियनशिप में खेलने पहुंचीं तो आयोजक बोले- आप क्वालिफाई नहीं; इंटरनेशनल रेसलर हैं निर्मल बूरा हरियाणा के हांसी में रेसलिंग हरियाणा सीनियर स्टेट चैंपियनशिप के दौरान अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और हरियाणा पुलिस की इंस्पेक्टर निर्मल बूरा को खेलने से रोक दिया गया। इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया। निर्मल के मुताबिक उन्हें 30 नवंबर को प्रतियोगिता का निमंत्रण मिला था, लेकिन मौके पर आयोजकों ने जिला स्तर की प्रतियोगिता में भाग न लेने के आधार पर उन्हें अयोग्य बताते हुए मुकाबले में उतरने से मना कर दिया। (पूरी खबर पढ़ें)