बहादुरगढ़ सीजीएसटी रिश्वतकांड, सुपरिटेंडेंट-इंस्पेक्टर ने मिलकर फर्म संचालक फंसाया:फरीदाबाद की फर्म पर 10 करोड़ जुर्माना दिखा 1 करोड़ मांगे, 20 लाख में डील

हरियाणा के बहादुरगढ़ स्थित केंद्रीय वस्तु और सेवा कर विभाग (सीजीएसटी) के सुपरिटेंडेंट भारत मीणा और इंस्पेक्टर नरेश कुमार गिरफ्तार हो चुके है। दोनों से पूछताछ हुई तो बड़ा खुलासा हुआ है। सामने आया कि दोनों अधिकारियों ने फरीदाबाद के एक स्क्रैप कारोबारी से उसके जीएसटी रजिस्ट्रेशन को एक्टिव करने के बदले 1 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी। रोहतक एसपी के मुताबिक, कारोबारी से रुपए ऐंठने के लिए पूरी प्लानिंग की गई। पहले कारोबारी की फर्म में कुछ ट्रांजैक्शन संदिग्ध होने पर उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और फिर उसका जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर बंद कर दिया गया। इसके बाद कारोबारी ने दोनों से संपर्क किया तो एक करोड़ की डिमांड की गई। कारोबारी ने इतने पैसे होने से मना कर दिया तो रकम घटाकर 40 लाख कर दी गई। कारोबारी ने इतनी रकम देने में असमर्थता जताई तो 20 लाख रुपए में सौदा तय किया गया। एक करोड़ से सीधे मामला 20 लाख तक पहुंचा तो कारोबारी को कुछ शक हुआ। इसके बाद उसने स्टेट विजिलेंस एवं एंटी करप्शन ब्यूरो से संपर्क साधा। इसके बाद टीम ने जाल बिछाया और गुरुग्राम में 6 दिसंबर सुपरिटेंडेंट भारत मीणा 2.5 लाख रुपए रिश्वत लेते पकड़ लिया। इसके अगले दिन रविवार यानि 7 दिसंबर को ही दूसरे आरोपी इंस्पेक्टर नरेश कुमार को भी दबोच लिया गया। अब टीम यह पता कर रही है कि सुपरिटेंडेंट और इंस्पेक्टर के अलावा और कौन-कौन इस खेल में शामिल है। जीएसटी रिश्वतकांड पर रोहतक एसपी ने ये खुलासे किए... 10 करोड़ की जीएसटी पेनल्टी का नोटिस भेजा रोहतक एसीबी के एसपी विजय जाखड़ ने बताया कि फरीदाबाद स्थित स्क्रैप फर्म के संचालक ने उन्हें शिकायत दी थी। संचालक का आरोप था कि उनकी फर्म में संदिग्ध लेनदेन के आरोप में बहादुरगढ़ सीजीएसटी कार्यालय की ओर से 10 करोड़ की पेनल्टी का कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। फर्म का जीएसटी रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया गया था। 1 करोड़ मांगे, 20 में सौदा तय हुआ एसपी के मुताबिक, कारोबारी ने जब जीएसटी अधिकारियों से संपर्क किया तो सुपरिटेंडेंट भारत मीणा और इंस्पेक्टर नरेश ने रजिस्ट्रेशन नंबर सक्रिय करने के लिए 1 करोड़ की रिश्वत मांगी। इतने पैसे देने से कारोबारी ने मना किया तो धीरे-धीरे बात 40 लाख पर अटक गई। इस पर भी उसने मना कर दिया तो बाद में इनके बीच 20 लाख रुपए में सौदा तय हो गया। फर्म संचालक ने एसीबी से किया संपर्क एसपी ने आगे बताया कि दोनों अधिकारी फर्म संचालक को लगातार दबाव बना रहे थे। मगर, फर्म संचालक रिश्वत के रूप में 20 लाख की राशि नहीं देना चाहता था। उसने इसकी शिकायत एसीबी को कर दी। एसीबी टीम ने अपने स्तर से जांच की तो आरोप सही पाए गए। इसके बाद सीजीएसटी अधिकारियों को पकड़ने के प्रयास शुरू किए और जाल बिछाया। 7 दिनों तक जाल बिछाया, तब पकड़ में दोनों एसपी ने बताया कि एसीबी ने लगातार 7 दिन तक सीजीएसटी के अधिकारियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। सफलता मिली 6 दिसंबर को, जब गुरुग्राम के गांव बासी स्थित बड़ा भैया चौक से सुपरिटेंडेंट भारत मीणा को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया गया। फिर रविवार को एसीबी की टीम ने आरोपी इंस्पेक्टर नरेश कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया। वॉयस रिकॉर्डिंग से हुई इंस्पेक्टर की पहचान एसपी ने बताया कि जांच के दौरान नरेश कुमार का नाम न केवल एफआईआर में पाया गया, बल्कि शिकायतकर्ता द्वारा दी गई वॉयस रिकॉर्डिंग में भी उसकी स्पष्ट पहचान हुई। सह-अभियुक्त भारत मीणा के बयान में भी दोनों के रिश्वत मांगने की बात सामने आई थी। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गहन जांच शुरू कर दी गई है। बरामद किए गए रुपए को सील कर न्यायिक प्रक्रिया के लिए सुरक्षित रखा गया है। और अधिकारियों की भूमिका की जांच जारी रोहतक एसीबी के एसपी विजय जाखड़ ने बताया कि प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि इस रिश्वत प्रकरण में और भी अधिकारी शामिल हो सकते हैं। ब्यूरो ने स्पष्ट किया है कि जांच में जिन-जिन अधिकारियों या कर्मचारियों के नाम सामने आएंगे, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कड़ी कार्रवाई ब्यूरो प्रमुख अजय सिंगल ने कहा कि राज्य सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत भ्रष्टाचार के हर मामले में कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा रिश्वत मांगने की घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने जनता से अपील की कि यदि कोई सरकारी अधिकारी किसी कार्य के बदले रिश्वत मांगता है तो तुरंत हरियाणा स्टेट विजिलेंस एवं एंटी करप्शन ब्यूरो की टोल-फ्री हेल्पलाइन 1800-180-2022 या 1064 पर शिकायत करें।