राव इंद्रजीत राजनीति से रिटायरमेंट नहीं लेंगे:नारनौल में बोले- PM मोदी नहीं हुए तो मैं क्यों, उम्र का तकाजा सभी के साथ
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- Dec 13, 2025
गुरुग्राम से भाजपा सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने राजनीति से रिटायर होने वाले अपने बयान पर यूटर्न ले लिया। राव इंद्रजीत सिंह शनिवार को नारनौल की नई अनाज मंडी में मार्केट कमेटी के चेयरमैन और सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे थे। यहां उन्होंने मंच से कहा कि उम्र का तकाजा सभी के साथ है। पिछली बार जब मैं यहां आया तो लोगों ने कहा कि इंद्रजीत सिंह तो रिटायर होने की पहले से चिट्ठी लिख चुका है। अगर नरेंद्र भाई रिटायर नहीं हुए तो मुझे रिटायर होने की क्या जरूरत है। अगर पब्लिक चाहती है तो मैं क्यों रिटायर हो जाऊं? दो महीने पहले नारनौल में एक कार्यक्रम के दौरान राव इंद्रजीत सिंह ने कहा था, "अब मैं 74 साल का हो गया हूं, युवाओं को मौका मिलना चाहिए।" उनके इस बयान से उनकी राजनीति से रिटायरमेंट की अटकलें शुरू हो गई थीं। राव इंद्रजीत की 2 बड़ी बातें... राव ने कहा था- 74 का हो गया, ज्यादा घूमता-फिरता नहीं 24 अक्टूबर को राव इंद्रजीत सिंह नारनौल के भुंगारका गांव में एक चाय कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा था कि अब मैं 74 साल का हो गया हूं। ज्यादा घूमता फिरता नहीं हूं, मगर अब बेटी (आरती राव) सक्रिय हो गई है, वह लोगों के बीच जाती है। मैं भी चाहता हूं कि राजनीति में युवा ज्यादा आएं। युवाओं को ज्यादा टिकट दिलाने की सोचता हूं। राव ने आगे कहा था कि पब्लिक ने मुझे 45 साल तक सराहा है, मैंने भी यह प्रण लिया है, कि जो भी ताकत पब्लिक से मिली है, उसको मैं निजी स्वार्थ के लिए इस्तेमाल नहीं करूंगा। ये ही सीख मैंने अपनी बेटी आरती राव को भी दी। जिस तरह से वह आज के दिन मेहनत कर रही है, मेरा तो उम्र का तकाजा है। 74 साल का हो गया इतनी भागादौड़ी नहीं कर सकता। लेकिन मेरी बेटी भी उसी राह पर चल रही है। सांसद धर्मबीर कह चुके-70 का हो चुका, बहुत चुनाव लड़ लिए हरियाणा के 3 बार CM रहे चौ. बंसीलाल की 3 पीढ़ी को 4 बार हराने का अनूठा रिकॉर्ड रखने वाले सांसद धर्मबीर सिंह भी कह चुके हैं कि चुनाव नहीं लड़ेंगे। वे भिवानी-महेंद्रगढ़ से लगातार तीसरी बार भाजपा के टिकट पर सांसद हैं। धर्मबीर सिंह ने कहा था कि अब सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का समय आ रहा है। पहले जमाने में उम्र के पड़ाव को चार भागों में बांटा गया था। उसी हिसाब से काम होता था। अब भी वही है। इसके हिसाब से अगले चुनाव तक उनकी उम्र काम करने की नहीं रहेगी।



