सिरसा के फर्जी सरकारी कार्यालय केस में खुलासा:चंडीगढ़ में डेढ़ करोड़ फर्जीवाड़ा; हिसार के दो लोगों का जॉइंट खाता
- Admin Admin
- Dec 15, 2025
हरियाणा के सिरसा जिले में समाधान ग्रामीण वेलफेयर एंड इम्प्लायमेंट सर्विस लिमिटेड (भारत सरकार) का कार्यालय फर्जी पाए जाने के मामले में खुलासा हुआ है। पुलिस जांच में सामने आया है कि कार्यालय का हेड बताने वाले हिसार के आरोपी राममेहर ने इससे पहले साल 2015 में चंडीगढ़ में इसी तरह का सरकारी कार्यालय खोला था। वहां पर कार्यालय खोलकर डेढ़ करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा किया था। मामले में चंडीगढ़ में पुलिस ने केस दर्ज किया था और आरोपी राममेहर ने कोर्ट से अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिस मामले में वह बेल पर चल रहा था। इसके बाद राममेहर ने हिसार में भी साल 2022 में फर्जी सरकारी कार्यालय खोला, जहां पर लोगों से लाखों रुपए फर्जीवाड़ा किया। कार्यालय में रखे स्टाफ से सरकारी नौकरी का झांसा देकर पैसे ठग लिए। राममेहर ने हिसार के दो लोगों के साथ मिलकर जॉइंट खाता खुलवाया हुआ था, जिनके खाते में राशि आती थी। कई शहरों में खोले गए ऑफिस पुलिस के अनुसार, करीब सवा माह पहले सिरसा में फर्जी कार्यालय खोले जाने की पोल खुली, तो केस की एक के बाद एक कड़ी जुड़ती जा रही है। सिरसा के अलावा चंडीगढ़ और हिसार में इससे जुड़े केस मिल गए हैं। भिवानी में भी फर्जी कार्यालय खोलने की जानकारी मिली है। सिरसा पुलिस इसकी जांच कर डिटेल जुटा रही है। अभी आरोपी हिसार के गांव राजपुरा का राममेहर फरार चल रहा है। सिरसा में चार माह पहले ही यह फर्जी कार्यालय खोला था, जिसका किराया भी नहीं चुकाया। ICICI बैंक में जॉइंट खाता खुलवाया पुलिस के अनुसार, आरोपी राममेहर ने हिसार के दो अन्य मिरकां और चिकनवास निवासी व्यक्ति के साथ मिलकर पंचकूला के ICICI बैंक में जॉइंट खाता खुलवाया हुआ है। पुलिस ने पंचकूला जाकर बैंक से डिटेल जुटा ली है। इस फर्जीवाड़े का पता चला बैंक अधिकारी भी दंग रह गए। इनके खाते और ई-मेल की जांच होगी, उसी में पता चलेगा कि इन खातों से कितना लेन-देन हो चुका है। गांव राजपुरा के राममेहर पर पहले भी क्रिमिनल केस है। नौकरी देने पर ज्यादा कमीशन लेता पुलिस के अनुसार, आरोपी राममेहर पहले ऐसी लोकेशन पर फर्जी कार्यालय खोलता था, जहां पर ऑन रोड या मार्केट वाली जगह, जहां लोगों की एक्टिविटी ज्यादा हो। कार्यालय में आने-जाने के लिए नीली बत्ती गाड़ी रखता। सबसे पहले ऐसे लोगों को मोहरा बनाता, जिनको नौकरी की जरूरत होती। उनको कार्यालय में नौकरी देता और पक्की सरकारी जॉब दिलाने के नाम पर पहले उनसे ही 2.50 से तीन लाख रुपए ले लेता। उनके नियम भी ऐसे बनाता कि लेट या नहीं आए तो विभागीय आदेशानुसार सैलरी काट ली जाएगी, ताकि किसी को शक न हो। बीपीएल कार्ड धारकों को बनाते निशाना इसके बाद आम लोगों को टारगेट बनाता, जिनका बीपीएल कार्ड होता। उनसे कार्यालय में आने पर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए फॉर्म भरवाता। लोगों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने को सरकार की स्कीम के आवेदन भरवाने के नाम एक हजार से 1100 रुपए लेता था। जिनको नौकरी पर रखता, उसी स्टाफ से ये आवेदन भरवाता। सिरसा में भी चार से पांच मेल-फीमेल स्टाफ रखा था, जिनमें से कुछ से सरकारी नौकरी देने के नाम पर दो से ढाई लाख रुपए लिए हुए थे। ऐसे पकड़ में आया था ऑफिस सिरसा बस स्टैंड के पास हिसार रोड स्थित तीन मंजिला भवन के बाहर अक्सर नीली बत्ती लगी बोलेरो खड़ी रहती थी और लोगों से योजना के नाम पर आवेदन करवाए जाते थे। इसी पर पुलिस को शक हो गया और गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर दी। कार्यालय में फीमेल स्टाफ मिला और बोलेरो नीचे खड़ी मिली। स्टाफ न रजिस्ट्रेशन या अनुमति के दस्तावेज पेश कर सका और न ही राममेहर पेश हुआ। इसके पुलिस कार्यालय गेट को सील कर दिया और बोलेरो गाड़ी को कब्जे में ले ली, यह बोलेरो रोहतक के व्यक्ति की है। इधर समाज कल्याण विभाग ने भी इस समाधान कार्यालय से विभाग का कोई संबंध न होने की बात कही है। विभाग का कहना है कि ऐसी योजना है। सिविल लाइन थाना पुलिस ने इसे फर्जीवाड़ा मानते हुए राममेहर के खिलाफ सिविल लाइन थाना पुलिस ने धारा 318(2), 205 BNS के तहत केस दर्ज कर लिया है।



