बेखौफ बदमाशों ने लाईन होटल में किया चार राउंड फायरिंग, आठ पर प्राथमिकी दर्ज

दुमका, 1 दिसंबर (हि.स.)। उपराजधानी दुमका में रविवार देर रात हुई फायरिंग की घटना ने जिले की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। दुमका के डीआईजी आवास से महज कुछ दूरी पर स्थित होटल राधिका के सामने बदमाशों की ओर से की गई खुलेआम गोलीबारी ने पुलिस और खुफिया तंत्र की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि अपराधियों के हौसले पुलिस की नाकामी के कारण लगातार बढ़ते जा रहे हैं। गोलीबारी की इस घटना को अंजाम देनेवालों में सात युवकों में से गोली चलाने वाले की पहचान बाबुल यादव उर्फ पांडू के रूप में की गई है। इसके अलावा किशोर यादव उर्फ पुक्कू, भानू , बिक्रम दास ,सुबोध झा , मुकेश यादव और कुड़कुड़िया भी फायरिंग में शामिल बताये गये है। मामले में पुलिस ने आठ नामजद के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन में जुट गई है।

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि फायरिंग की घटना जिस स्थान पर हुई, वह आईजी और डीआईजी आवास के साथ-साथ पुलिस लाइन से भी कुछ ही दूरी पर है। राजधानी जैसी सुरक्षा वाले इलाके में अपराधियों का बिना डर होटल पर हमला करना और फरार हो जाना पुलिस की मौजूदगी और सतर्कता पर बड़ा सवाल है। चौंकाने वाली बात यह भी है कि पुलिस को घटना की भनक तक नहीं लगी।

खुफिया तंत्र फेल, अपराधियों के हौसले बुलंद

घटना की सूचना मिलते ही सदर एसडीपीओ और मुफस्सिल थाना की पुलिस मौके पर पहुंची, परंतु तब तक आरोपित भाग चुके थे। पुलिस ने घटनास्थल से तीन खोखा बरामद किए हैं और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच की बात कह रही है।

लेकिन बड़ा सवाल यह है कि शहर में अवैध हथियार कैसे पहुंच रहे हैं, अपराधी खुलेआम घूम कैसे रहे हैं और पुलिस को इसकी जानकारी क्यों नहीं मिलती।

होटल संचालक और ग्राहकों में शनिवार को हुआ था झगड़ा

होटल संचालक प्रतुल मंडल ने बताया कि शनिवार रात एक ग्राहक से विवाद हुआ था। रविवार शाम दोनों पक्षों के बीच समझौता भी हो गया था। इसके बावजूद देर रात करीब 10ः30 बजे सभी बदमाश होटल के सामने पहुंचे। शटर गिरने के बाद बदमाशों ने होटल को निशाना बनाकर फायरिंग कर दी। संचालक ने गोली चलाने का आरोप किशोर, मुकेश, विक्रम और बाबुल पर लगाया है।

गोलीबारी का वीडियो वायरल

घटना से जुड़ा लगभग 10 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें कुछ युवक पिस्टल लहराते और गोली चलाते दिखाई दे रहे हैं।

सवालों के घेरे में पुलिस

फायरिंग में भले ही कोई घायल नहीं हुआ हो, लेकिन इस घटना ने साफ कर दिया है कि दुमका में पुलिस की पकड़ कमजोर हो चुकी है। अपराधियों के बढ़ते मनोबल और खुफिया तंत्र की विफलता ने आने वाले समय के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। यदि पुलिस समय रहते कार्रवाई और मजबूत खुफिया तंत्र नहीं विकसित करती, तो शहर की कानून व्यवस्था और अधिक भयावह स्थिति की ओर बढ़ सकती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / नीरज कुमार