सिरसा: भारतीय भाषाएं केवल संवाद का माध्यम नहीं, सभ्यता की जीवंत धरोहर: राम सिंह
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- Dec 02, 2025
सिरसा, 2 दिसंबर (हि.स.)। इतिहास संकलन समिति के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं शिक्षाविद् राम सिंह यादव ने कहा कि भारतीय भाषाएं केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा, संस्कृति और सभ्यता की जीवंत धरोहर है। भारत की विविध भाषाओं में निहित सामंजस्य हमारी सामाजिक शक्ति का अद्भुत उदाहरण है। आज आवश्यकता इस बात की है कि हम अपनी मातृभाषाओं को आत्मविश्वास के साथ अपनाएं, उन्हें आधुनिक तकनीक से जोड़ें और युवा पीढ़ी को भाषा-आधारित शोध एवं नवाचार की ओर प्रेरित करें। ऐसे सम्मेलन न केवल ज्ञान का आदान-प्रदान करते हैं, बल्कि राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने का माध्यम भी बनते हैं।
राम सिंह यादव मंगलवार को चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा में आयोजित ‘भारतीय भाषा परिवार सम्मेलन’ के उद्घाटन अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर भारतीय भाषाओं की बढ़ती स्वीकार्यता इस बात का प्रमाण है कि हमारी भाषाएं भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं। हमें इन्हें केवल विरासत के रूप में नहीं बल्कि विकास के साधन के रूप में भी देखना चाहिए।
चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय कुमार ने कहा कि भारतीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन को अपनी शैक्षणिक प्रतिबद्धता के मूल में रखता है। देशभर से आए विद्वानों का यह संगम भाषाई अध्ययन को नई दिशा देगा। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि भारतीय भाषाओं की जड़ें हमारी सामाजिक संरचना में गहराई से जुड़ी हैं। हमें आवश्यकता है कि प्रशासन, शिक्षा और शोध के हर स्तर पर भारतीय भाषाओं का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
ऐसे कार्यक्रम न केवल भाषाई चेतना बढ़ाते हैं, बल्कि विद्यार्थियों को अपनी मूल भाषाई पहचान से जोड़े रखते हैं। संगोष्ठी के विभिन्न सत्रों में भारतीय भाषाओं की उत्पत्ति, विकास और भाषा परिवारों पर विशेषज्ञ व्याख्यान, भाषाई एकता, अनुवाद, बोली-विविधता और सांस्कृतिक सेतु पर शोधपत्र प्रस्तुतियाँ, युवा शोधार्थियों के लिए संवाद-सत्र भाषा संरक्षण और भाषाई नवाचार के नए तरीक़ों पर चर्चा उत्साह के साथ संपन्न हुए। कार्यक्रम के दौरान दो पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। ये दोनों पुस्तकें कॉलेक्टेड स्टडीज ऑन भारतीय भाषा परिवार पर्सपेक्टिव्स एंड हॉरिजोन्स व भारतीय भाषा परिवार-ए न्यू फ्रेमवर्क इन लिंग्विस्टिक्स, नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया द्वारा वर्ष 2025 में प्रकाशित की गई हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma



