ज्वार का पानी रोकने के फैसले से भड़के किसान

पूर्व मेदिनीपुर, 01 दिसंबर (हि. स.)। कोलाघाट पंचायत समिति द्वारा ज्वार के पानी के आधार पर बोरों खेती न करने के हालिया निर्णय ने इलाके के किसानों में तीव्र असंतोष पैदा कर दिया है। बीडीओ कार्यालय में हुई इस बैठक में समिति ने साफ कर दिया कि इस बार बोरों उत्पादन में ज्वार का पानी उपयोग नहीं किया जा सकेगा। इसका सीधा असर खेती पर पड़ेगा, जिससे नाराज किसान आंदोलन के मूड में हैं।

इसी विरोध को संगठित रूप देने के लिए कृषक संघर्ष परिषद की पहल पर रविवार शाम उत्तर जिन्याडा हाई स्कूल में एक बड़ी सभा आयोजित हुई। परिषद के अध्यक्ष गोपाल सामंत की अध्यक्षता में हुई इस सभा में मुख्य वक्ता थे परिषद के सामान्य सचिव नारायण चंद्र नायक। परिषद के उपाध्यक्ष कार्तिक हाजरा, कार्यकारी सचिव विश्वरूप अधिकारी, सह सचिव गोविंद पड़िया और तपन माइती सहित अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

सभा में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि दो दिसंबर को किसानों का एक विशाल डेलिगेशन बीडीओ कार्यालय जाकर विरोध दर्ज करवाएगा।

नारायण चंद्र नायक ने कहा कि पिछले वर्ष जलबंद स्थिति के कारण अमन चावल की खेती नहीं हो सकी। अब अगर बोरों खेती भी प्रभावित होती है तो किसान पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे। इसलिए तत्काल देहाटी एवं आसपास के निकासी खालों का नवनिर्माण और कंक्रीट ब्रिज निर्माण शुरू होना चाहिए।

उन्होंने प्रस्ताव रखा कि खाल सुधार का काम तुरंत शुरू कर जनवरी के पहले सप्ताह तक जारी रखा जाए, फिर अप्रैल से जून के अंत तक पूरा जोर देकर अधिकांश कार्य समाप्त किया जाए।

नारायणबाबू ने चेतावनी दी कि यदि सोमवार तक पंचायत समिति अपना निर्णय नहीं बदलती, तो मंगलवार को आंदोलन तय है।

इस बीच, बीडीओ कार्यालय सूत्रों के अनुसार, देहाटी खाल सुधार को लेकर सोमवार को पुनः उच्चस्तरीय प्रशासनिक बैठक बुलायी गई है, जिसमें सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। किसानों की नाराज़गी को देखते हुए प्रशासन भी खोजने में जुटा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता