नगरी में कमार जनजाति के बच्चों सहित 2200 से अधिक बच्चों का स्वर्ण प्राशन
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- Dec 08, 2025
धमतरी, 8 दिसंबर (हि.स.)। जिले के वनांचल नगरी ब्लॉक के ग्राम सांकरा में साेमवार काे आयुर्वेद, स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में वृहद स्वर्ण प्राशन, स्वास्थ्य जांच और बाल संदर्भ कैंप का आयोजन किया गया। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा के निर्देश पर हुए इस कार्यक्रम में कमार जनजाति के बच्चों सहित कुल 2213 बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराया गया।
कार्यक्रम में 609 हितग्राहियों को आयुर्वेद चिकित्सा तथा 201 हितग्राहियों को होम्योपैथिक उपचार प्रदान किया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 810 हितग्राहियों में 267 महिलाएं, 242 पुरुष, 145 बालक और 156 बालिकाएं शामिल हैं। सभी का निश्शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाइयां वितरित की गईं। महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल संदर्भ योजना के तहत कुपोषित और मध्यम कुपोषित बच्चों की जांच कर अभिभावकों को पूरक पोषण आहार व आवश्यक परामर्श प्रदान किया। जिले के अन्य केंद्रों में भी 1507 बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराया गया। आयुर्वेद में वर्णित 16 संस्कारों में स्वर्ण प्राशन को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। जैसे आधुनिक चिकित्सा में वैक्सीन द्वारा प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जाती है, वैसे ही आयुर्वेद में वैदिक काल से स्वर्ण प्राशन को आयुर्वेदिक इम्यूनाइजेशन के रूप में अपनाया जाता है।
कार्यक्रम में विधायक अंबिका मरकाम ने कहा कि आयुष, स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग ने समन्वय के साथ उत्कृष्ट कार्य किया है। उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों के लिए शासन से आर्थिक सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सार्वा ने कहा कि आयुर्वेद को देश की प्रथम चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित करना केंद्र सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन द्वारा गुजरात में स्थापित ग्लोबल सेंटर आफ ट्रेडिशनल मेडिसिन को आयुर्वेद प्रोत्साहन की दिशा में बड़ा कदम बताया। कुपोषण मुक्त नगरी अभियान के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में आयुष विभाग ने व्यापक तैयारी की। जिले के 36 आयुष संस्थानों में प्रत्येक पुष्य नक्षत्र पर स्वर्ण प्राशन कराने की घोषणा भी की गई। अभिभावकों से बच्चों को नियमित रूप से स्वर्ण प्राशन दिलाने की अपील की गई।
जिला आयुष अधिकारी अवध पचौरी ने बताया कि आचार्य कश्यप और अन्य आयुर्वेदाचार्यों द्वारा वर्णित स्वर्ण प्राशन द्रवण जिसमें स्वर्ण भस्म, शहद, गाय का घी, अश्वगंधा, वचा, शंखपुष्पी और ब्राह्मी शामिल हैं। बच्चों की पोषण क्षमता, मानसिक विकास और कुपोषण दूर करने में सहायक माना जाता है। कार्यक्रम में डा रवींद्र वर्मा सहित स्वास्थ्य एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, आंगनबाड़ी बच्चे और स्कूली विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा



