सोम पुष्य नक्षत्र: प्रथम पूज्य का पंचामृत अभिषेक कर सजाई फूल बंगले झांकी
- Admin Admin
- Dec 08, 2025
जयपुर, 8 दिसंबर (हि.स.)। राजधानी जयपुर में सोम पुष्य नक्षत्र में सोमवार को प्रथम पूज्य गणेश जी महाराज का विशेष पूजन किया गया। इस अवसर पर शहर भर के विभिन्न गणेश मंदिरों में विधि -विधान से गणेश जी अभिषेक कर उन्हें नवीन पोशाक धारण करवाई गई। पुष्य नक्षत्र पर सिद्धि विनायक के दर्शनों के लिए दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा।
सोम पुष्य नक्षत्र के शुभ अवसर पर चांदपोल परकोटा स्थित प्राचीन गणेश मंदिर में विशेष अभिषेक एवं पूजा-अर्चना का दिव्य आयोजन किया गया। सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी और श्रद्धालुओं ने धार्मिक अनुष्ठानों में सहभागिता की।
महंत पंडित अमित शर्मा के सानिध्य में सर्वप्रथम गणेश जी महाराज का 101 किलो दूध एवं पंचामृत दूध, दही, शहद, केवड़ा, गुलाब जल,गंगाजल एवं केसर जल से विधिवत अभिषेक कराया गया। अभिषेक उपरांत गणेश जी महाराज को सिंदूर का चोला चढ़ाया गया तथा नवीन आकर्षक पोशाक धारण कराई गई। इसके बाद गणपति अथर्वशीर्ष एवं गणपति अष्टोत्तर नामावली के उच्चारण के बीच मोदक अर्पण कर विशेष पूजा संपन्न हुई।
मंदिर प्रशासन की ओर से भक्तों को हल्दी की गांठ, सुपारी तथा लक्ष्मी स्वरूप प्रसाद वितरित किया गया। वहीं बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ किया और गणेश जी को दूर्वा अर्पित कर मनोकामनाएं व्यक्त कीं। पूरे कार्यक्रम के दौरान मंदिर परिसर भक्ति रस से सराबोर रहा और दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
वहीं मोती डूंगरी गणेश मंदिर में इस वर्ष सोम पुष्य नक्षत्र के पावन अवसर पर सोमवार को पुष्य पंचामृत अभिषेक का भव्य आयोजन किया किया गया। सोमवार सुबह 8 बजे से प्रारंभ होने हुए इस अनुष्ठान में भगवान श्री गणेश जी महाराज का अभिषेक 151 किलो दूध, 21 किलो दही, विशिष्ट घी, 21 किलो बूरा, शहद, केवड़ा जल, गुलाब जल और इत्र से किया गया।
मोती डूंगरी गणेश मंदिर में महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में भगवान श्री गणेश का 251 किलो दूध, 21 किलो दही, 21 किलो बूरा, 5 किलो घी, शहद, केवड़ा जल, गुलाब जल, केवड़ा इत्र एवं गुलाब इत्र से अभिषेक किया गया। गंगाजल, केवड़ा जल, गुलाब जल से अभिषेक कर पंचामृत अभिषेक किया। गंगाजल से शुद्ध स्नान हुआ। भगवान श्री गणपति सहस्त्रनाम से 1008 मोदक अर्पित किए गए।इसके बाद भगवान श्री गणेशजी महाराज नवीन पोशाक धारण करवाई गई और भगवान के खीर का भोग लगाया गया। पूजन के बाद रक्षा सूत्र एवं स्वास्थ्य के लिए हल्दी का प्रसाद वितरण किया गया। साथ ही भगवान श्री गणेशजी महाराज फूल बंगले में विराजमान करवाया गया। हर वर्ष की तरह इस बार भी मंदिर प्रबंधन ने भक्तों की सुविधा और व्यवस्था के लिए विशेष तैयारियां की गई।
गढ़ गणेश मंदिर में महंत प्रदीप औदीच्य के सान्निध्य में बाल स्वरूप गणपति का अभिषेक कर फूलों से श्रृंगार किया गया।
सूरजपोल स्थित श्वेत सिद्धि विनायक मंदिर में भी प्रथम पूज्य गणेश जी महाराज अभिषेक किया गया। जिसके पश्चात भक्तों ने गणेश जी महाराज को दुर्वांकुर अर्पित किए। इसके अलावा ब्रह्मपुरी माउंट रोड पर श्री नहर के गणेश जी महाराज के मंदिर में महंत पंडित जय शर्मा के सान्निध्य में श्री गणपति अथर्वशीर्ष के पाठ कर प्रभु का दूर्वा मार्जन से पंचामृत अभिषेक किया गया। दोपहर में गणपति को मोदक भोग अर्पित कर शयन करवाया गया। साथ बड़ी चौपड़ स्थित ध्वजा धीश गणेश जी, चौड़ा रास्ता स्थित काले गणेश जी, दिल्ली रोड स्थित बंगाली बाबा की बगीची स्थित गणेश मंदिर में भी पुष्य अभिषेक हुआ।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश



