अमित मालवीय का आरोप - “पश्चिम बंगाल से उद्यमियों का तेजी से हो रहा पलायन

हुगली, 4 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने गुरुवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक विस्तृत पोस्ट करते हुए दावा किया कि पश्चिम बंगाल तेजी से व्यवसायिक कंपनियों के पलायन का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति राज्य की “पूर्ण आर्थिक विफलता” को दर्शाती है और अब इसकी आधिकारिक पुष्टि भी हो चुकी है। मालवीय के मुताबिक, केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से बताया है कि बड़ी संख्या में कंपनियां बंगाल छोड़ रही हैं।

मालवीय ने बताया कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष शामिक भट्टाचार्य के सवाल के जवाब में मंत्रालय ने 223 पन्नों की विस्तृत सूची संसद में सौंपी है, जिसमें उन कंपनियों का विवरण है जिन्होंने बंगाल छोड़ दिया है। इस सूची ने राज्य की आर्थिक स्थिति को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं।

उनके अनुसार, पिछले छह महीनों में कुल 207 कंपनियां पश्चिम बंगाल से बाहर चली गई हैं। इसके अलावा, ममता बनर्जी के 2011 में सत्ता में आने के बाद से अब तक कुल 6,895 कंपनियां राज्य छोड़ चुकी हैं। मालवीय के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस सरकार इस गंभीर स्थिति को छिपाने की कोशिश कर रही है, लेकिन आंकड़े खुद सच्चाई बयां कर रहे हैं।

अमित मालवीय ने यह भी दावा किया कि बंगाल छोड़ने वालों में कई बड़ी और सूचीबद्ध कंपनियां शामिल हैं, जिनकी बाजार पूंजी हजारों करोड़ रुपये में है। उन्होंने उदाहरण के रूप में जिन कंपनियों का उल्लेख किया उनमें नेटवेब टेक्नोलॉजीज, गैलेंट इस्पात, यूरेका फोर्ब्स, जेके टायर, सनातन टैक्सटाइल, ग्रीनपैनल इंडस्ट्रीज, नेशनल स्टैंडर्ड समेत कई अन्य प्रमुख कंपनियां शामिल हैं। इनका बंगाल से हटना निवेश और रोजगार दोनों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

मालवीय ने आरोप लगाया कि ममता सरकार की नीतियों के कारण पश्चिम बंगाल निवेशकों के लिए “नो-गो ज़ोन” बन गया है। उन्होंने कहा कि जहाँ देश के अन्य राज्य बड़े पैमाने पर विदेशी और घरेलू निवेश आकर्षित कर रहे हैं, वहीं बंगाल में उद्योगों का माहौल लगातार बिगड़ता जा रहा है और निवेशक राज्य से दूर भाग रहे हैं। यह स्थिति राज्य को आर्थिक रूप से 20 साल पीछे धकेल रही है।

भाजपा नेता ने कहा कि कंपनियों के इस बड़े पैमाने पर पलायन से पश्चिम बंगाल में रोजगार के अवसर तेजी से घट रहे हैं और आर्थिक ढाँचा कमजोर होता जा रहा है। मालवीय के अनुसार, इस स्थिति की पूरी जिम्मेदारी ममता बनर्जी सरकार की आर्थिक नीतियों और उद्योग विरोधी माहौल पर है।

खबर लिखे जाने तक भाजपा नेता के बयान पर तृणमूल कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय