भाजपा की ‘संतोष की राजनीति’ से कांग्रेस में घबराहट व बेचैनी

गुवाहाटी, 01 दिसंबर (हि.स.)। भाजपा की ‘संतोष की राजनीति’ को लेकर कांग्रेस की बेचैनी बढ़ने का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी, असम प्रदेश के प्रवक्ता रंजीब कुमार शर्मा ने आज संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस के लिए समस्याएं समाधान का विषय नहीं, बल्कि राजनीतिक साधन हैं। उन्होंने कहा कि अपीजमेंट पॉलिटिक्स के सहारे कांग्रेस ‘मियां वोट बैंक’ को खुश करने और स्वदेशी असमी जनता को हाशिये पर धकेलने की नीति अपनाती रही है।

शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस सरकारों ने बड़े कॉर्पोरेट घरानों से धन संग्रह किया, लेकिन चाय बागान मजदूरों की दशकों तक अनदेखी की। वहीं भाजपा सरकार ने ‘अपीजमेंट’ नहीं बल्कि ‘संतोष’ यानी वास्तविक जनकल्याण की नीति को प्राथमिकता देते हुए ऐसे फैसले लिए हैं, जिनसे समाज के सभी वर्ग मजबूत हो सकें।

उन्होंने कहा कि असम फिक्सेशन ऑफ सीलिंग ऑन होल्डिंग्स (संशोधन) अधिनियम, 2025 के जरिए चाय बागान मजदूरों को भूमि अधिकार देने का ऐतिहासिक निर्णय असम की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की तस्वीर बदल देगा। यही वजह है कि कांग्रेस, जिसने कभी चाय मजदूरों को ‘कूली’ कहकर अपमानित किया था, आज बौखलाई हुई है। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान हजारों बीघा सरकारी भूमि चाय कंपनियों को लगभग मुफ्त में दे दी गई थी, जबकि अब मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व में अतिरिक्त भूमि वापस लेकर मजदूरों को वितरित की जा रही है। इससे राज्यभर के चाय बागानों में उत्सव जैसा माहौल है।

शर्मा ने कहा कि छह समुदायों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जा देने का निर्णय भी असम की सामाजिक संरचना को और अधिक मजबूत व सशक्त बनाने वाला कदम है। यह फैसला स्वदेशी जनता के राजनीतिक अधिकारों की रक्षा को सुनिश्चित करता है। कांग्रेस और उसके सहयोगी इस मजबूत होते असमी समाज को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए वे छह समुदायों और मौजूदा एसटी समूहों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा सरकार की जनकल्याणकारी नीति से कांग्रेस बौखला गई है और आज पूरी तरह घबराई व बेचैन दिखाई दे रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश