कौशल विकास से रोजगार के लिए बड़ा होगा प्रशिक्षण का फलक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों गोरखपुर को मिलेगी एक और राजकीय आईटीआई की सौगात

गोरखपुर, 6 दिसंबर (हि.स.)। योगी सरकार कौशल विकास से युवाओं के रोजगार के लिए प्रशिक्षण का फलक निरंतर बड़ा करने में जुटी है। रोजगारपरक शिक्षण-प्रशिक्षण का विस्तार करने के क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 9 दिसंबर को गोरखपुर को एक और राजकीय आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) की सौगात देंगे। पिपरौली में पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) फंड से बना यह जिले का 11वां राजकीय आईटीआई होगा। इसका संचालन पीपीपी मोड पर किया जाएगा।

गोरखपुर में तेजी से हो रहे औद्योगिकीकरण के चलते रोजगार की संभावनाओं का सतत विस्तार हुआ है। गीडा क्षेत्र औद्योगिक विकास का केंद्र बनकर उभरा है। उद्योगों की बढ़ती श्रृंखला से स्थानीय स्तर पर रोजगार की संभावनाएं सतत विस्तारित हो रही हैं। गीडा का एक बड़ा हिस्सा पिपरौली ब्लॉक क्षेत्र में आता है। इसे देखते हुए योगी सरकार ने राजकीय आईटीआई खोलने का फैसला लिया। सरकार के इस फैसले को पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का साथ मिला। पावरग्रिड ने इस आईटीआई का निर्माण 16 करोड़ रुपये के सीएसआर फंड से कराया है। इसके संचालित होने से बहुत कम शुल्क में युवाओं को प्रशिक्षण से कौशल विकास और तदुपरांत रोजगार प्राप्त करने की सुलभ सुविधा मिलेगी।

पिपरौली के नरकटहा ग्राम में बने राजकीय आईटीआई में ड्राफ्ट्समैन (सिविल), सर्वेयर, कंप्यूटर हार्डवेयर एवं नेटवर्क मेंटेनेंस, इलेक्ट्रिशियन और फिटर ट्रेड के पाठ्यक्रम संचालित होंगे। अब तक जिले में 10 राजकीय और 103 निजी आईटीआई संचालित हैं। इनमें से चरगावां, रेलवे कॉलोनी, रेलवे कॉलोनी (महिला), बांसगांव, चौरीचौरा, खजनी, बड़हलगंज, कैम्पियरगंज, जंगल कौड़िया और भटहट में राजकीय आईटीआई हैं। जंगल कौड़िया व भटहट के राजकीय आईटीआई पीपीपी मोड पर संचालित हैं। पिपरौली का आईटीआई गोरखपुर का 11वां और पीपीपी मोड में संचालित होने वाला तीसरा राजकीय आईटीआई होगा।

पिपरौली क्षेत्र में राजकीय आईटीआई को क्षेत्रीय जनता युवाओं के लिए बेहतर अवसर मान रही है। नगवा गांव के विनोद का कहना है कि योगी सरकार की तरफ से पिपरौली ब्लॉक में आईटीआई का उपहार युवाओं को रोजगार के लिए जरूर प्रशिक्षण में मददगार साबित होगा। राजकीय क्षेत्र में फीस भी कम लगेगी। बाँसपार गांव के राकेश कुमार कहते हैं कि आईटीआई से पासआउट नौजवानों को विदेश में भी आसानी से जॉब मिल जाता है। अब तो गीडा में ही बहुत फैक्ट्रियां लग रही हैं। ऐसे में रोजगार से पहले ट्रेनिंग के लिए राजकीय आईटीआई की जरूरत को सरकार ने पूरा कर दिया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय