अलंकृत होने वाले अर्द्धसैनिक बलों को एकमुश्त पांच लाख की राशि देगी सरकार

-अर्द्धसैनिक बल के जवान वीरता, साहस और देशभक्ति के प्रतीक: मुख्यमंत्री

-अचल संपति क्रय करने के लिए एक बार स्टाम्प शुल्क में 25 फीसद की छूट

हल्द्वानी, 3 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को अर्द्धसैनिक बल के जवानों को वीरता, साहस और देश भक्ति का प्रतीक बताते हुए उन्हें राष्ट्र की शान बताया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अर्द्धसैनिक बलों के कल्याण के लिए कई घोषणाएं की। उन्होंने भविष्य में प्रेजिडेन्ट पुलिस मेडल या गैलेन्ट्री वीरता पदक से अलंकृत होने वाले अर्द्धसैनिक को एकमुश्त पांच लाख रूपये और राज्य में जीवनकाल में एक बार अचल संपति क्रय करने के लिए स्टाम्प शुल्क में 25 प्रतिशत तक की छूट देने का ऐलान किया।

मुख्यमंत्री धामी बुधवार को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल कैंप मुख्यालय हल्द्वानी में आयोजित पूर्व अर्द्धसैनिक बलों के सम्मेलन को संबोधित कर रहेथे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्द्धसैनिक बलों के वीर जवानों ने कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से अरुणाचल तक हर मोर्चे पर अदम्य साहस, शौर्य और समर्पण के साथ देश की सेवा की है। तिरंगे की शान को बढ़ाने में इन वीर सपूतों का योगदान अविस्मरणीय है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्द्धसैनिक को एकमुश्त पांच लाख रूपये की अनुदान राशि देने के साथ ही पूर्व अर्द्धसैनिक एवं अर्द्धसैनिक की वीर नारी, जिसके पास स्वयं की कोई अचल संपति नहीं है, उसको उत्तराखंड राज्य में जीवनकाल में एक बार अचल संपति क्रय करने के लिए स्टाम्प शुल्क में 25 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। उत्तराखंड राज्य अर्द्धसैनिक बल कल्याण परिषद् को क्रियाशील किया जाएगा। परिषद् के लिए पुलिस मुख्यालय में एक कार्यालय कक्ष आवंटित किया जाएगा, सैनिक कल्याण निदेशालय में उपनिदेशक (अर्द्धसैनिक) एवं बड़े जिलों के जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों में सहायक जिला सैनिक कल्याण अधिकारी (अर्द्धसैनिक) के एक-एक पद स्वीकृत किए जाएंगे। जिसमें पूर्व अर्द्धसैनिक संविदा में नियुक्त किए जाएंगे, जो अर्द्धसैनिक बलों के बच्चे हैं, उनको शादी के लिए हमारे सैनिकों के भांति धनराशि प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने सीजीएचएस भवन निर्माण के लिए तत्काल प्राथमिकता देते हुए भूमि चयन करने के के लिए जिलाधिकारी को निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक कभी भी ‘भूतपूर्व’ नहीं होता, वह जीवनपर्यंत सैनिक ही रहता है। वे स्वयं एक सैनिक परिवार से आते हैं और सैनिकों व उनके परिवारों की चुनौतियों को नजदीक से समझते हैं। बलिदान की कोई कीमत नहीं हो सकती और राज्य सरकार का दायित्व है कि उनके परिवारों को किसी प्रकार की कठिनाई न होने दे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में सेना का आधुनिकरण तेजी से हुआ है। भारत आज रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनते हुए कई देशों को रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने भारत के स्वदेशी हथियारों की क्षमता को विश्व स्तर पर सिद्ध किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में अवैध बसावट और अन्य गलत गतिविधियों के खिलाफ सरकार कड़े कदम उठा रही है। 10 हजार एकड़ से अधिक सरकारी भूमि कब्जामुक्त कराई गई है और 550 से अधिक अवैध संरचनाओं को ध्वस्त किया गया है। राज्य में समान नागरिक संहिता, सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगा-रोधी कानून और भू-कानून लागू कर सामाजिक समरसता एवं आंतरिक सुरक्षा को मजबूत किया गया है। इस मौके पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार पूर्व सैनिकों के कल्याण हेतु निरंतर दृढ़ता से कार्य कर रही है।

इस अवसर पर मेयर हल्द्वानी गजराज सिंह बिष्ट,जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरमवाल,विधायक राम सिंह कैड़ा,दायित्व धारी डॉ.अनिल डब्बू, शंकर कोरंगा, रेनू अधिकारी,आई जी रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल,केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के डीआईजी शंकर दत्त पांडे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ मंजूनाथ टीसी,पूर्व अर्धसैनिक संगठन उत्तराखंड के अध्यक्ष एस.एस. कोटियाल, सेवानिवृत्त आईजी एम.एल.वर्मा, एच.आर.सिंह, भानु प्रताप सिंह सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार