मुंबई, 29 नवंबर (हि.स.)। भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर टूरिज्म डायरेक्टरेट ने 3 से 5 दिसंबर 2025 तक डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर टूर सर्किट का आयोजन किया है। यह टूर सर्किट मुंबई में चैत्यभूमि आने वाले टूरिस्ट और फॉलोअर्स के लिए फ्री होगा। इस टूर सर्किट का मुख्य मकसद डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के प्रेरणा देने वाले महान काम, उनकी बायोग्राफी और विचारों को टूरिस्ट और नई पीढ़ी तक पहुंचाना है। टूरिज्म मिनिस्टर शंभूराज देसाई ने टूरिस्ट से इस टूरिज्म सर्किट का फायदा उठाने की अपील की है।
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर “टूरिज्म सर्किट” सिर्फ एक टूरिज्म कॉन्सेप्ट नहीं है, बल्कि भारत के लोकतंत्र की नींव रखने वाले महान व्यक्ति के विचारों को एक श्रद्धांजलि है। उनके क्रांतिकारी काम, संघर्ष और उनके जीवन के आदर्श इस सर्किट के जरिए आने वाली पीढ़ी तक पहुंचेंगे। महाराष्ट्र टूरिज्म डायरेक्टरेट की यह पहल एक प्रेरणा देने वाली यात्रा है जो इतिहास, संस्कृति और सामाजिक बदलाव को जोड़ती है। यह सर्किट फॉलोअर्स और टूरिस्ट को बाबासाहेब की महत्वपूर्ण जगहों पर जाने और उनके विचारों को करीब से महसूस करने का मौका देगा। मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि यह सिर्फ एक यात्रा नहीं है, बल्कि समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे के मूल्यों का अनुभव भी है।
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर टूर सर्किट में मुंबई में चैत्यभूमि, राजगृह, वडाला में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर इकोनॉमिक्स एंड कॉमर्स कॉलेज, परेल में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर भवन, बीआईटी चॉल, फोर्ट में सिद्धार्थ कॉलेज जैसी जगहें शामिल हैं। इस टूर सर्किट के माध्यम से डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर के चरण स्पर्श से पवित्र हुए स्थानों के महत्व तथा उनके प्रेरक जीवन, सामाजिक समानता, शिक्षा एवं संविधान निर्माण में योगदान की यात्रा को सभी आम नागरिकों व पर्यटकों तक पहुंचाने का सरकार का यह प्रयास है।
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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार



