विश्वसनीयता और वादा निभाने की क्षमता राजस्थान की सबसे बड़ी पूंजी : पीयूष गोयल
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- Dec 10, 2025
- प्रवासी राजस्थानी दिवस पर मुख्यमंत्री का आह्वान, अपने परिवार के साथ हर साल राजस्थान जरूर आएं
जयपुर, 10 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने प्रवासी राजस्थानी दिवस को महत्वपूर्ण पड़ाव बताते हुए कहा कि पिछले दो साल में नए-नए प्रयोग कर लोगों को जोड़ने का काम प्रदेश की भजनलाल सरकार ने किया है। प्रवासी राजस्थानी दिवस महत्वपूर्ण पड़ाव है, जो प्रवासी राजस्थानियों को अपनी जन्म भूमि से जुड़ने का मौका देता है। अगर सब प्रवासी राजस्थानी विकसित राजस्थान और विकसित भारत के संकल्प के साथ जुड़ जाए और अपना योगदान दें, तो देश को वर्ष 2047 में विकसित होने से कोई नहीं रोक सकता।
गोयल बुुुुधवार को जयपुर के जेईसीसी सभागार में आयोजित प्रथम प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रिमोट का बटन दबाकर एक लाख करोड़ रुपये के एमओयू की ग्राउंड ब्रेकिंग की। केंद्रीय मंत्री गोयल ने राजस्थान के लिए डी फैक्टर को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि राजस्थान के लिए आर फैक्टर ही नहीं डी फैक्टर भी अहमियत रखता है। डेमोक्रेसी हमारी ताकत है। इसके साथ ही राजस्थान का डेमोग्राफिक डिविडेंड, डिसाइसिव लीडरशिप, डायवर्सिटी और डिपेंडबिलिटी ऐसी विशेषताएं है जो डिवोशन से आती है। इसी के कारण राजस्थान तेजी से डेवलप हो रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राजस्थान की सबसे बड़ी पूंजी यहां के लोगों की विश्वसनीयता और वादा निभाने की क्षमता है।
गोयल ने राजस्थान के वैश्विक समुदाय से राजस्थान के विकास में योगदान देने का आह्वान करते हुए कहा कि राजस्थान की बनाई हुई वस्तुएं, राजस्थान की संस्कृति, खानपान को दुनिया तक पहुंचाएं और राजस्थान के ब्रांड एंबेसडर बनें। राजस्थान की काबिलियत को विश्व स्तर तक लेकर जाएं और विश्व की आधुनिक तकनीक राजस्थान में लेकर आएं। अपने गांव लेकर जाएं, गांव में जो पीछे रह गए हैं उन्हें आगे बढ़ाएं। गांव के विकास और प्रगति में जुड़े, प्रदेश में निवेश लेकर आएं, नई नौकरियों का सृजन करें। उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में एक करोड़ से भी ज्यादा प्रवासी राजस्थानी रहते हैं, जिन्होंने अलग-अलग कोनों में देश की इज्जत बढ़ाई है। गोयल ने लोकप्रिय कहावत का जिक्र करते हुए कहा, 'जहां ना पहुंचे बैलगाड़ी, वहां पहुंचे मारवाड़ी', यह कहावत आप लोगों ने सही साबित की है। उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी भी देश या देश के किसी भी कोने में चले जाएं, वहां एक सफल राजस्थानी और एक राजस्थानी समाज जरूर मिलेगा, जो आपकी खातिरदारी करेगा और भारत का नाम गौरवान्वित करेगा।
गोयल ने कहा कि राजस्थान के लोगों ने कभी चुनौतियों के सामने सिर नहीं नहीं झुकाया, जो उनकी मेहनत और कर्मठता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, पिछले 'राइजिंग राजस्थान' इवेंट में 34 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के एमओयू हुए थे। एक साल से कम समय में चौथाई हिस्सा तो धरातल पर उतर भी आए हैं। इस तेज प्रगति का श्रेय मुख्यमंत्री भजनलाल और उनकी पूरी टीम को है, जो फैसलों को लागू करने में तत्परता दिखा रही है।
इस मौके पर राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने प्रवासी राजस्थानियों का आह्वान किया कि वे मातृभूमि का कर्ज चुकाने यहां अधिक से अधिक निवेश करें। उन्होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानियों ने राजस्थान के सामाजिक-आर्थिक ढांचे को मजबूत करने में सदा मदद की है। प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन राजस्थान के प्रवासियों के आर्थिक योगदान को राष्ट्रीय विकास से जोड़ने का बहुत बड़ा माध्यम हैं। उन्होंने राजस्थान को भक्ति और शक्ति के साथ लक्ष्मीपुत्रों की धरती बताया। उन्होंने महाकवि कन्हैयालाल सेठियाजी की पंक्तियां धरती धोरा री सुनाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा प्रवासी राजस्थानियों को राजस्थान में स्थाई वास कराने की भी पहल करें।
राज्यपाल बागडे ने प्रवासी राजस्थानियों का आह्वान किया कि वे राजस्थान आएं, यहां उन्हें मानव शक्ति और ज़मीन आदि सभी सुविधाएं समयबद्ध प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान अब सूखा क्षेत्र नहीं है। यह हरा भरा क्षेत्र है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन में पधारे प्रवासी राजस्थानियों का स्वागत करते हुए कहा किया कि आपने देश और दुनिया में उद्योग, व्यापार, संस्थान, ग्लोबल नेटवर्क खड़े किए हैं। अब हम आपसे निवेदन करते हैं कि आप राजस्थान में भी काम करें। हमने आपसे वादा किया था कि हम आपको किसी तरीके की परेशानी नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थानी प्रवासी भाई देश और दुनिया में कहीं भी हों, लेकिन वह अपनी मिट्टी से आज भी जुड़े हुए हैं। पिछले वर्ष भी हमने राइजिंग राजस्थान का आयोजन कर देश और दुनिया के प्रवासी राजस्थानियों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया था। उन्होंने चौदह नए राजस्थान चैप्टर की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री भजनलाल ने प्रवासी राजस्थानियों से आह्वान किया कि वह अपने परिवार के साथ हर साल राजस्थान जरूर आएं। उन्होंने कहा, मां बच्चों की कभी नहीं भूलती और बच्चे मां को कभी नहीं भूलते। मेरा आग्रह है कि आप साल में कम से कम दो बार अपने परिवार के साथ राजस्थान जरूर आएं ताकि आपके अपने बच्चे और नाती-पोते अपनी जड़ों, अपनी कहानियों और अपनी पहचान से जुड़े रहें। जब प्रवासी समुदाय जुड़ा रहता है तो विरासत जिंदा रहती है, और जब विरासत जिंदा रहती है तो भविष्य को और मजबूती मिलती है। यह समारोह सिर्फ एक आयोजन नहीं है हमारी संस्कृति और उपलब्धियों का मिलन है। विकास में भागीदार बनने का उत्सव है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान जैसा अनोखा कोई प्रदेश नहीं है, हमारे यहां रेगिस्तान हैं, झीलें हैं, अभयारण्य, किले, महल, शेखावाटी की हवेलियां हैं। यानि अगर कोई व्यक्ति राजस्थान आएगा तो एक टिकट में चार-पांच फिल्म देखकर जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले साल हमने प्रवासी राजस्थानियों के लिए एक विशेष विभाग और विशेष नीति लाने की घोषणा की थी। प्रवासी राजस्थानी मामलात विभाग का गठन हमने कर दिया है। हमारा मकसद है कि आप दुनिया में कहीं भी रहें आपको दूरी महसूस ना हो, आपका हर काम आसानी से हो। हमने वादे के अनुसार प्रवासी राजस्थानी नीति भी तैयार की है जिसे आज लागू किया जा रहा है। इस नीति से प्रवासी राजस्थानी भाई-बहनों को पहचान, सम्मान, सुविधा, आसान निवेश और मातृभूमि के विकास में हिस्सा लेने का रोडमैप भी मिलेगा।
पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, उद्योग मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़, वेदांता ग्रुप के अनिल अग्रवाल, टाटा पावर के एमडी प्रवीर सिन्हा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में केन्द्रीय वन व पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव, केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सी आर पाटिल, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, उप मुख्यमंत्री दियाकुमारी, प्रेमचंद बैरवा, राज्य के मंत्री, अधिकारी मौजूद रहे। राज्यपाल बागडे, मुख्यमंत्री शर्मा, पंजाब के राज्यपाल कटारिया और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राज्य में निवेश करने वाले विशिष्ट उद्यमियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित भी किया। अतिथियों ने प्रवासी सम्मेलन पर प्रकाशित पुस्तक का लोकार्पण किया और राजस्थान के बारे में निर्मित फिल्म का भी बटन दबाकर शुभारम्भ किया। सम्मेलन में विभिन्न विभागों द्वारा राजस्थान के विकास को प्रदर्शित करती ऑडियो वीडियो कला दीर्घा का भी उन्होंने अवलोकन किया।
हिन्दुस्थान समाचार / संदीप



