चंडीगढ़ पंजाब को देने के हक में थे शिवराज पाटिल, राज्यपाल कटारिया ने जताया निधन पर शोक

चंडीगढ़, 12 दिसंबर । पंजाब के पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने एक बार चंडीगढ़ को पंजाब को दिए जाने की वकालत की थी। शुक्रवार सुबह उनका निधन हुआ है। वह साल 2010 से 15 तक पंजाब के पूर्व राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक भी रहे हैं। उन्होंने 2012 में पंजाब विधानसभा में अपने अभिभाषण में कहा था कि चंडीगढ़ को पंजाब में शामिल कर देना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा था कि पंजाबी भाषायी क्षेत्रों को पंजाब में शामिल करने की मांग केंद्र को मान लेनी चाहिए। पाटिल ने कहा था कि केंद्र राज्यों की जरूरतों को समझे बिना जिस तरह से योजनाएं व नीतियां बना रही है, उससे राज्य भिखारी बनकर रह गए हैं।

पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने भारत के वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व राज्यपाल शिवराज पाटिल के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। 12 अक्टूबर 1935 को जन्मे पाटिल ने आज लातूर स्थित अपने निवासस्थान में अंतिम सांस ली। अपने शोक संदेश में कटारिया ने कहा कि अपने विस्तृत राजनीतिक करियर में पाटिल ने केंद्रीय मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक के रूप में उल्लेखनीय योगदान दिया।

उन्होंने राजस्थान के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला, जो उनकी दक्षता, दूरदर्शिता और नेतृत्व क्षमता का प्रतीक है। उन्होंने अपने लंबे, समर्पित एवं गरिमापूर्ण सार्वजनिक जीवन में उच्चतम संवैधानिक और प्रशासनिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए राष्ट्र की उत्कृष्ट सेवा की।

राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्र, समाज और संवैधानिक मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अनुपम थी। विवेकपूर्ण चिंतन, संतुलित नेतृत्व और कर्तव्य के प्रति अटूट निष्ठा ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक विशिष्ट और सम्मानित स्थान प्रदान किया। उनका जीवन-कार्य आने वाली पीढिय़ों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

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