प्रशिक्षु महिला आरक्षी भविष्य की संवेदनशील एवं मजबूत पुलिसिंग का चेहरा : मोहित अग्रवाल

पुलिस कमिश्नर ने प्रशिक्षु महिला आरक्षियों से किया संवाद, बेहतर प्रशिक्षण व संवेदनशील पुलिसिंग पर दिया जोर

वाराणसी, 05 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने शुक्रवार को रिज़र्व पुलिस लाइन में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं प्रशिक्षु महिला आरक्षियों से संवाद करते हुए कहा कि वे भविष्य की संवेदनशील, सक्षम और उत्तरदायी पुलिसिंग का चेहरा हैं। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ प्रशिक्षण, अनुशासन, तकनीकी दक्षता और मानवीय व्यवहार के बल पर ये प्रशिक्षु आरक्षी न केवल महिला सुरक्षा को मजबूत बनाएंगी, बल्कि जनता की सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण की सच्ची शक्ति बनेंगी।

पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जनता पुलिस को एक आदर्श संस्था के रूप में देखती है, इसलिए प्रत्येक पुलिसकर्मी को अपने आचरण और व्यवहार से ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए, जिससे पुलिस के प्रति विश्वास और अधिक मजबूत हो। उन्होंने खासतौर पर गरीब, कमजोर और वंचित वर्ग के प्रति संवेदनशील तथा मानवीय व्यवहार अपनाने पर बल दिया। उन्होंने प्रशिक्षण में तकनीकी ज्ञान को समय की सबसे बड़ी आवश्यकता बताते हुए कहा कि कंप्यूटर संचालन, साइबर क्राइम की समझ और डिजिटल साक्ष्यों का विश्लेषण आज की पुलिसिंग का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसलिए तकनीक आधारित प्रशिक्षण को गंभीरता से सीखने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि कठोर और नियमित प्रशिक्षण से ही शारीरिक क्षमता, आत्मविश्वास और मानसिक मजबूती विकसित होती है, जो प्रभावी पुलिसिंग के लिए अनिवार्य है।

—कानूनी धाराओं और अपराध जांच की जानकारी दी

पुलिस कमिश्नर ने हत्या, मानव वध, दुर्घटना संबंधी धाराओं, बीएनएस एवं बीएनएसएस समेत निरोधात्मक कार्यवाही और पाबंदी से जुड़ी धाराओं की जानकारी भी प्रशिक्षुओं को दी। प्रशिक्षुओं को कानून की बारीकियों, अपराध जांच की विधि, आत्मरक्षा, बेहतर संवाद कौशल, अपराध रोकथाम के तरीके और साइबर अपराध (जैसे डिजिटल अरेस्ट, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड) से बचाव के बारे में विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने आरटीसी अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रशिक्षु महिला आरक्षियों को वाराणसी के इतिहास, संस्कृति और शहर की विशेषताओं से भी परिचित कराया जाए तथा उन्हें प्रमुख पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराया जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस की पहचान संवेदनशीलता, त्वरित प्रतिक्रिया और प्रोफेशनल दक्षता में निहित है, इसलिए प्रत्येक प्रशिक्षु को जनता के साथ व्यवहार में धैर्य, शिष्टाचार और मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान सिखायी जा रही जानकारी को गहनता से अध्ययन कर समझने का प्रयत्न करें न कि रटने का।

—महिला प्रशिक्षुओं की समस्याएँ भी जानीं

संवाद के दौरान पुलिस कमिश्नर ने हास्टल में रहने, भोजन व्यवस्था और भोजन की गुणवत्ता के बारे में प्रशिक्षुओं से सीधे जानकारी ली। उन्होंने प्रशिक्षण की वर्तमान स्थिति, व्यवहारिक अभ्यास, शारीरिक दक्षता, ड्रिल, कानून-व्यवस्था संबंधी कौशल तथा विभिन्न प्रकरणों में व्यावहारिक ज्ञान का भी आकलन किया। इस अवसर पर पुलिस उपायुक्त लाइन नीतू, अपर पुलिस उपायुक्त लाइन वैभव बांगर और सहायक पुलिस आयुक्त लाइन डॉ. ईशान सोनी भी मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी