खौड में जन-समस्याओं पर बोले नरिंदर सिंह भाऊ: सीमा क्षेत्र की असल आवाज़ अब भी अनसुनी
- Neha Gupta
- Dec 11, 2025

जम्मू, 11 दिसंबर । सीमा क्षेत्र की बढ़ती समस्याओं को रेखांकित करते हुए सार्वजनिक प्रतिनिधि नरिंदर सिंह भाऊ ने खौड में प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर छम्ब विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख जन-समस्याओं को विस्तार से सामने रखा। यह संवाद उपायुक्त जम्मू डॉ. राकेश मिन्हास की हालिया सार्वजनिक पहुँच शिविर यात्रा के बाद आयोजित किया गया। भाऊ ने जहां डीसी के दौरे का स्वागत किया, वहीं आरोप लगाया कि प्रशासन की बातचीत वास्तविक हितधारकों तक नहीं पहुंची और कुछ चुनिंदा समूहों तक ही सीमित रह गई, जिससे सरहद के लोगों की असली आवाज़ दबकर रह गई।
उन्होंने सबसे पहले अखनूर–पंजतूट–पलटन सड़क की जर्जर हालत को गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि यह मार्ग हजारों लोगों की जीवनरेखा है लेकिन इसकी दयनीय स्थिति रोज़ाना सफर को जोखिमभरा बना रही है। भाऊ ने सड़क की तत्काल मरम्मत, चौड़ीकरण और ब्लैकटॉपिंग की मांग उठाई। सीमा गांवों की सुरक्षा पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि खौड, खड़ा, पंजतूट, पलटन सहित कई सरहदी गांवों में मौजूद बंकर क्षतिग्रस्त, अधूरे या अपर्याप्त हैं। भाऊ ने पूरे क्षेत्र का नया सर्वे कर सुरक्षित और मजबूत बंकरों के निर्माण पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि संवेदनशील सीमा क्षेत्र होने के बावजूद छम्ब में कोई भी पूर्ण रूप से कार्यशील अस्पताल उपलब्ध नहीं है, जहां आपात स्थिति में सही उपचार मिल सके। स्वास्थ्य योजनाओं और पोषण अभियान के प्रति कम जागरूकता को भी उन्होंने चिंता का विषय बताया।
युवाओं की समस्याओं पर भाऊ ने कहा कि छम्ब के पांचों मंडलों में न स्टेडियम है, न इंडोर हॉल और न ही कोई गतिविधि केंद्र। दूरदराज़ क्षेत्रों में कॉलेजों की स्थापना से छात्राओं को सुरक्षा और आवागमन में कठिनाई आती है। उन्होंने विश्वसनीय परिवहन व्यवस्था और पुलिस चौकी की आवश्यकता पर जोर दिया। बाढ़ प्रभावित इलाकों का ज़िक्र करते हुए भाऊ ने आरोप लगाया कि कुछ सैन्य परिसरों में निर्माण गतिविधियों के कारण प्राकृतिक नालों का प्रवाह बाधित हो रहा है। उन्होंने सिविल और मिलिट्री के बीच बेहतर समन्वय की मांग की। इसके साथ ही खौर में उपलब्ध 18 कनाल 4 मरला राज्य भूमि पर मिनी सचिवालय स्थापित करने की पुरज़ोर मांग की, ताकि सभी सरकारी कार्यालय एक ही स्थान पर जनता के लिए उपलब्ध हो सकें।
उन्होंने कहा कि खौड में आईटीआई और पॉलीटेक्निक की स्थापना बेहद जरूरी है ताकि युवाओं को कौशल विकास और रोजगार के अवसर मिल सकें। सरकारी योजनाओं, लोन और उद्यमिता सहायता की सही जानकारी भी युवाओं तक नहीं पहुंच रही, जिस पर भी उन्होंने चिंता जताई। जल जीवन मिशन को लेकर भाऊ ने बताया कि खौर, पल्लनवाला, पोपर दयाल, मेरा मांदर सहित कई गांव अभी भी स्वच्छ पेयजल से वंचित हैं। वहीं बढ़े हुए और भ्रमित करने वाले बिजली बिलों से ग्रामीण वर्ग परेशान है। उन्होंने बिलिंग प्रणाली की समीक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग की। अंत में भाऊ ने कहा कि प्रशासनिक पर्यटन से वास्तविक विकास संभव नहीं, जब तक अधिकारी सीमा क्षेत्र की असली जनता से सीधे संवाद नहीं करते। उन्होंने क्षेत्र की सुरक्षा, विकास और जनहित से जुड़े मुद्दों को लगातार उठाते रहने का संकल्प दोहराया।



