इतालवी टेनिस खिलाड़ी और दो बार के फ्रेंच ओपन विजेता निकोला पिएत्रांजेली का 92 वर्ष की उम्र में निधन

नई दिल्ली, 01 दिसंबर (हि.स.)। इतालवी टेनिस के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज नाम महान खिलाड़ी निकोला पिएत्रांजेली का सोमवार को 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। हालांकि, मौत का कारण तुरंत स्पष्ट नहीं हो सका, लेकिन इटैलियन टेनिस फेडरेशन ने उनके निधन की घोषणा की। दिसंबर, 2024 में हिप फ्रैक्चर के बाद से उनकी सेहत में लगातार गिरावट बनी हुई थी।

पिएत्रांजेली न केवल इटली के पहले ग्रैंड स्लैम विजेता थे, बल्कि वे उस दौर के सुपरस्टार भी थे, जब टेनिस को अभिजात वर्ग का खेल माना जाता था। अपनी करिश्माई पर्सनैलिटी, सिनेमा-जैसे लुक्स और बेहद खूबसूरत बैकहैंड की बदौलत उन्होंने टेनिस को इटली के घर-घर तक पहुंचाया। इटैलियन टेनिस फेडरेशन ने उन्हें “इटली के टेनिस आंदोलन का पिता” कहते हुए श्रद्धांजलि दी।

क्ले कोर्ट के बादशाह

1950 और 60 के दशक में पिएत्रांजेली क्ले कोर्ट पर बेमिसाल थे। उन्होंने 1959 और 1960 में फ्रेंच ओपन सिंगल्स, 1959 में डबल्स, और 1958 में मिक्स्ड डबल्स का खिताब जीता। 1960 के फ्रेंच ओपन फाइनल में उनका जज्बा आज भी टेनिस इतिहास का हिस्सा है—जब चिली के लुईस आयाला के लगातार ड्रॉप शॉट और लॉब के कारण उनके पैरों की त्वचा छिल गई, तब भी वे चोटिल पैरों पर ही पूरा मैच खेलकर जीत गए।

पिएत्रांजेली ने अपने करियर में कुल 48 खिताब जीते, जिनमें 1957 और 1961 के रोम मास्टर्स भी शामिल हैं। हालांकि उनका सबसे बड़ा योगदान डेविस कप में माना जाता है, जहां उन्होंने 164 मैच खेले और 120 जीते, जो आज भी एक रिकॉर्ड है। उनके नेतृत्व में इटली ने 1976 में पहली बार डेविस कप जीता, हालांकि कुछ वर्षों बाद कप्तान रहते हुए टीम के भीतर विवादों के कारण उन्हें पद से हटा दिया गया था।

1950–60 के दशक में पिएत्रांजेली का नाम सिर्फ खेल पन्नों में नहीं, बल्कि सामाजिक जीवन की सुर्खियों में भी रहता था। वे फिल्म स्टार मार्सेलो मास्ट्रोयानी के करीबी मित्र थे। ब्रिजिट बारडो और क्लाउडिया कार्डिनाले जैसी दिग्गज अभिनेत्रियाँ भी उनके परिचितों में शामिल थीं। अपने आकर्षक व्यक्तित्व और बेफ़िक्र जीवनशैली के कारण उन्हें “लेडीज़ मैन” भी कहा गया, हालांकि वे इसे हमेशा नकारते रहे।

अपने समय में पिएत्रांजेली ने स्वीकार किया कि उन्होंने कभी कठोर अभ्यास पर ध्यान नहीं दिया। उनका कहना था, “अगर मैं ज्यादा मेहनत करता तो शायद अधिक खिताब जीतता, लेकिन जिंदगी कम मजेदार हो जाती।”

प्रारंभिक जीवन और सफर

निकोला पिएत्रांजेली का जन्म 11 सितंबर 1933 को ट्यूनिस में हुआ था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उनका परिवार विस्थापन और कठिनाइयों से गुजरा। युद्ध के बीच ही उन्होंने टेनिस खेलना शुरू किया, जब उनके पिता को एक कैम्प में intern किया गया था और वहां एक कोर्ट मौजूद था। बाद में परिवार रोम आ गया, जहां उन्होंने फुटबॉल और टेनिस दोनों खेले। वे लाजियो क्लब की जूनियर टीम में फुटबॉल भी खेलते थे, लेकिन अंततः टेनिस को चुना।

अंतिम वर्षों में भी सक्रिय

अपने अंतिम दिनों तक वे टेनिस के प्रति बेहद जुनूनी रहे। आधुनिक खिलाड़ियों और खेल में आए बदलावों पर उनकी स्पष्ट राय सुर्खियों में रहती थी। 2024 में इटली की डेविस कप जीत पर उन्होंने जैनिक सिनर की तारीफ करते हुए कहा था कि वह “मेरे अधिकांश रिकॉर्ड तोड़ देगा, सिवाय एक—164 डेविस कप मैचों के।”

पिएत्रांजेली को 1986 में इंटरनेशनल टेनिस हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था। रोम के फोरो इटालिको में दूसरे सबसे बड़े स्टेडियम का नाम भी उनके सम्मान में रखा गया है।

उन्होंने कहा था, “मैंने कभी पैसे के लिए नहीं खेला। मैं इसलिए खेलता था क्योंकि मुझे खेल से प्यार था—और क्योंकि मैं खेलते हुए damn अच्छा दिखता था।”

इटली ने एक महान खिलाड़ी, एक करिश्माई व्यक्तित्व और एक सच्चे टेनिस दूत को खो दिया है। उनके योगदान हमेशा याद किए जाएंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे