महबूबा मुफ्ती के बयान पर तीखा प्रहार, वंदे मातरम को खोखला प्रतीकवाद बताना स्वतंत्रता संग्राम का अपमान: पूर्व मंत्री
- Neha Gupta
- Dec 08, 2025

जम्मू, 8 दिसंबर । भाजपा के सीनियर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री बाली भगत ने वंदे मातरम पर चल रही राष्ट्रीय बहस को लेकर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की तीखी आलोचना की है। उन्होंने मुफ्ती द्वारा वंदे मातरम को खोखला प्रतीकवाद बताने पर कड़ा एतराज जताते हुए इसे भारत के स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीय भावना का अपमान बताया। भगत ने कहा कि जिस राष्ट्रीय गीत ने आज़ादी के दौर में ब्रिटिश शासन को चुनौती दी थी, उसे बेकार बहस कहकर खारिज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, यह इतिहास, संसद और देश की सामूहिक पहचान का अपमान है। पीडीपी की शासन अवधि पर सवाल उठाते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी अपने कार्यकाल में कश्मीर में शांति बहाल करने में विफल रही। उन्होंने कहा, महबूबा के शासन में पत्थरबाजी, बंद और अस्थिरता अपने चरम पर थीं। आज वही लोग शासन पर भाषण दे रहे हैं जिन्होंने घाटी को अशांति में धकेला।
बाली भगत ने यह भी पूछा कि संसद में 150 साल पुरानी विरासत वाले राष्ट्रीय गीत पर चर्चा होने पर पीडीपी को आपत्ति क्यों है, जबकि अलगाववादी सोच की राजनीति पर वह चुप रहती है। उन्होंने कहा कि देश एकता की बात करता है तो इसे ध्यान भटकाने वाला मुद्दा कहा जाता है, लेकिन पीडीपी की उन नीतियों पर कोई बात नहीं करता जिनसे भ्रम और अशांति बढ़ी। एयरलाइन मुद्दों पर महबूबा मुफ्ती की हालिया टिप्पणियों का जिक्र करते हुए भगत ने कहा कि ऐसे मामले तकनीकी और प्रशासनिक होते हैं, और सरकार पहले ही डीजीसीए तथा नागरिक उड्डयन मंत्रालय से रिपोर्ट मांग चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि महबूबा मुफ्ती हर सामान्य मुद्दे को राजनीतिक रंग देने की कोशिश करती हैं।
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी और महंगाई की बात करने वाली मुफ्ती भूल जाती हैं कि “कश्मीर की आर्थिक गिरावट पीडीपी की नीतियों के दौरान ही शुरू हुई थी। भगत ने यह भी आरोप लगाया कि जनता का समर्थन खोने के बाद महबूबा मुफ्ती राजनीतिक रूप से प्रासंगिक बने रहने के लिए विवाद पैदा करने” की कोशिश कर रही हैं। बाली भगत ने कहा कि जब देश विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यटन में आगे बढ़ रहा है, तब महबूबा मुफ्ती हर राष्ट्रीय मुद्दे को विवाद में घसीट रही हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्रतीकों पर सवाल उठाना पीडीपी प्रमुख के राजनीतिक एजेंडे को दर्शाता है।



