गुजरात के भावनगर से ₹719 करोड़ के अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्राॅड का पर्दाफाश

दुबई–चीन कनेक्शन उजागर

भावनगर, 08 दिसंबर (हि.स.)। गुजरात पुलिस के साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ने राज्य के इतिहास की सबसे बड़ी साइबर क्राइम कार्रवाई में सात साै करोड़ से अधिक के अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़ किया है।

भावनगर से संचालित इस नेटवर्क ने म्यूल बैंक खातों, आंगड़िया चैनल और क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट्स के जरिए ₹719 करोड़ का मनी लॉन्ड्रिंग किया था। इस मामले में भावनगर स्थित एक निजी बैंक के दो कर्मचारियों सहित कुल 10 आरोपिताें को गिरफ्तार किया गया है। जांच में खुलासा हुआ है कि इस गिरोह के तार दुबई और चीन की कुख्यात साइबर सिंडिकेट्स से जुड़े हैं।

इस बाबत स्टेट साइबर सेल पुलिस अधीक्षक डा. राजदीप सिंह झाला ने बताया कि यह गिराेह 1544 अपराधाें में सक्रिय था। उन्हाेंने बताया कि इस मामले में दस आराेपित गिरफ्तार किए गए हैं। ये गुजरात सहित अन्य राज्याें में म्यूल खाते खाेल रहे थे।

देश के 26 राज्यों में सक्रिय था नेटवर्क

पुलिस जांच में सामने आया कि यह रैकेट 26 राज्यों और 5 केंद्रशासित प्रदेशों में सक्रिय था। भावनगर की इंडसइंड बैंक शाखा में करीब 110 फर्जी खाते खोले गए थे। साइबर फ्रॉड के शिकार लोगों के पैसे इन म्यूल खातों में जमा किए जाते थे। उसके बाद पैसे नकद रूप में निकालकर आंगड़िया पद्धति से ट्रांसफर किए जाते और अंत में यूएसडीटी क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर दुबई और चीन स्थित सीएडीसीएटी साइबर क्राइम सिंडिकेट के ऑपरेटरों को भेजे जाते थे।

इस नेटवर्क के जरिए पूरे देश में हजारों लोगों को ठगा गया। इन प्रमुख प्रभावित राज्यों में महाराष्ट्र में 300 केस, तमिलनाडु में 203,

कर्नाटक में 194, तेलंगाना में 128, गुजरात में 97, केरल में 91 केस, उत्तर प्रदेश में 88, दिल्ली में 74 केस दर्ज हैं। यह सिंडिकेट मुख्य रूप से 8 तरह के साइबर फ्रॉड करता था। निवेश धोखाधड़ी, डिजिटल अरेस्ट स्कैम, पार्ट-टाइम जॉब स्कैम, लोन फ्रॉड, यूपीआई फ्रॉड, वॉइस फिशिंग आदि।

गिरफ्तार 10 आरोपितों के नाम

एफआईयू और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पुलिस ने इन 10 लोगों को गिरफ्तार किया है:

1. अल्पेश घनश्यामभाई मकवाणा: नकद निकासी और म्यूल अकाउंट सप्लायर।

2. महेंद्र रमेशभाई मकवाना: नकद निकासी और म्यूल अकाउंट सप्लायर।

3. अबूबकर अलीभाई शेख (बैंक कर्मचारी): बैंक खातों की अनधिकृत एक्सेस।

4. पार्थ प्रफुलभाई उपाध्याय (बैंक कर्मचारी): फर्जी खातों का संचालन।

5. प्रतिक अरविंदभाई वघाणी: म्यूल अकाउंट और कैश हेंडलर।

6. विपुल कालेभाई डांगर: फंड हेंडलर।

7. जयराजसिंह बलवंतसिंह राइजादा: नकदी को यूएसडीटी में बदलने वाला।

8. गुरुपुरबसिंह सतनामसिंह टांक: दुबई–चीन ट्रांसफर ऑपरेटर।

9. तेजस जितेन्द्रकुमार पंड्या: विदेशी ऑपरेटरों की ओर से क्रिप्टो ट्रांजैक्शन।

10. दिव्यराजसिंह नरेंद्रसिंह झाला: दुबई स्थित हैंडलर, चीन की गैंग से मुख्य लिंक।

पुलिस ने आरोपिताें के पास से 30 मोबाइल फोन, क्रिप्टो वॉलेट्स के पासवर्ड और अन्य डिजिटल सबूत बरामद किए हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में आगे और गिरफ्तारियाँ होने की संभावना है।

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हिन्दुस्थान समाचार / यजुवेंद्र दुबे