रेस्क्यू सेंटर में मौजूद गुलदारों का मंगलवार को रहता है उपवास
- Admin Admin
- Dec 13, 2025
-मौजूदा समय में रेस्क्यू सेंटर में 21 गुलदार मौजूद -एक गुलदार की डाइट पर प्रतिदिन 1200 रूपये आता है खर्च
हरिद्वार, 13 दिसंबर (हि.स.)। उत्तराखंड के रेस्क्यू सेंटरों में कुछ गुलदार (लेपर्ड) मंगलवार को उपवास रखते हैं, यह उनकी सेहत और वजन को नियंत्रित करने के लिए अपनाई गई एक खास रणनीति है। जिसके तहत उन्हें संतुलित आहार और विशेष देखभाल दी जाती है ताकि वे जंगल जैसा माहौल महसूस करें और स्वस्थ रहें। खासकर सर्दियों में उनके स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए यह ज़रूरी है।
उत्तराखंड के जंगलों में यूं तो हजारों की संख्या में वन्यजीव मौजूद हैं। लेकिन इंसानों के लिए खतरा बनने वाले गुलदार आदि वन्यजीवों को हरिद्वार के चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर में रखा जाता है। रेस्क्यू सेंटर में चिकित्सकों की देखरेख में अन्य स्टाफ वन्यजीवों की देखभाल करता है। सालाना एक करोड़ से अधिक की राशि रेस्क्यू सेंटर में रखे गए वन्यजीवों की देखरेख पर खर्च होती है।
डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि रेस्क्यू केंद्र में मौजूद गुलदारोंं का मंगलवार को उपवास रहता है। चिकित्सकों के निर्धारित डाइट प्लान के मुताबिक दो दिन उन्हें बकरे का मांस, दो दिन चिकन और दो दिन अन्य मांस दिया जाता है। मंगलवार को उनका पूरी तरह उपवास रहता है। इसके साथ ही उन्हें 24 घंटे जंगल जैसा वातावरण देने की कोशिश की जाती है। गर्मियों के सीजन में कूलर और सर्दियों में हीटर की व्यवस्था की जाती है।
डीएफओ ने बताया कि एक गुलदार की डाइट पर प्रतिदिन 1200 रूपये का खर्च आता है। जोकि महीनें में लगभग 50 हजार के लगभग होता है। मौजूदा समय में रेस्क्यू सेंटर में 21 गुलदार मौजूद हैं। स्वस्थ होने पर इन्हें उनके प्राकृतिक अभ्यारण्य में छोड़ दिया जाएगा। रेस्क्यू सेंटर में रखे गए गुलदारों की डाइट, मेडिसिन आदि पर सालाना एक करोड़ से अधिक खर्च आता है।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला



