पौड़ी गढ़वाल, 30 दिसंबर (हि.स.)। उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी के तत्वावधान में श्री हरि अगस्त्येश्वर संस्कृत विद्यालय, ओडली में एकदिवसीय संस्कृत कार्यक्रम एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विषय लोकभाषाओं एवं लोकसंस्कृति के संरक्षण में संस्कृत का योगदान रहा। कार्यक्रम में स्कूल के छात्रों द्वारा संस्कृत भजन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई।
ओडली में आयोजित हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के लोककला संस्कृति निष्पादन केंद्र के निदेशक मुख्य अतिथि गणेश कुकशाल ने कहा कि संस्कृत भाषा भारतीय संस्कृति की आत्मा है। लोकभाषाओं, लोकपरंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण में संस्कृत की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने संस्कृत को जीवन से जोड़कर पढ़ाने पर बल दिया। उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी के सचिव मनोज किशोर पंत ने संस्कृत अकादमी द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से विद्यार्थियों में संस्कृत के प्रति रुचि और सम्मान बढ़ता है।
इस मौके पर सहायक निदेशक मनोज कुमार सेमेल्टी, वित्त अधिकारी सतेंद्र प्रसाद डबराल, ग्राम प्रधान गोदा सौरभ गोदियाल, विद्यालय प्रबंधक अनूप बहुगुणा, प्रधानाचार्य विवेक रतूड़ी, संस्कृत विद्यालय भुवनेश्वरी के प्रधानाचार्य अनुसूया प्रसाद सुंदरियाल, गगनदीप पोखरियाल, पीताम्बर दत्त आदि शामिल रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / कर्ण सिंह



