साल के आखिरी ' मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने काशी तमिल संगमम का किया उल्लेख

—‘मन की बात’ केवल सुनने का नहीं, बल्कि उसमें बताए गए संदेशों को जीवन में आत्मसात करने का ले संकल्प: आयुष मंत्री

वाराणसी,28 दिसंबर (हि.स.)। विदा होते साल 2025 में आखिरी बार रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सुनने के लिए उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उत्साह दिखा। रेडियो पर प्रसारित 'मन की बात' के 129वें संस्करण को सुनने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के आम कार्यकर्ताओं के साथ पदाधिकारियों,जनप्रतिनिधियों ने जगह—जगह अड़ी जमाई।

भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल ने‌ वाराणसी महानगर अन्तर्गत कैंट विधानसभा के रविदास मंडल स्थित बूथ संख्या -133 सुन्दरपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात को बूथ पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के साथ सुना। इसी क्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष व एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा ने कंचनपुर वाराणसी में अपने बूथ संख्या 185 पर पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ में मन की बात को सुना। पार्टी के क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवरतन राठी ने जवाहर नगर स्थित बूथ संख्या 337 व संतोष सोलापुरकर ने बिंदूमाधव वार्ड के बूथ संख्या 257 पर मन की बात कार्यक्रम को सुना।

प्रदेश सरकार के आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने सिगरा क्षेत्र के राजन शाही कॉलोनी स्थित अपने कैंप कार्यालय पर बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ ‘मन की बात’ की बात सुनी। इस दौरान राज्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम मात्र संवाद नहीं, बल्कि देशवासियों के मन को जोड़ने और दिशा देने वाला सशक्त मंच है। आयुष मंत्री ने कहा कि ‘मन की बात’ हमें केवल सुनने का नहीं, बल्कि उसमें बताए गए संदेशों को जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लेना चाहिए।

—काशी की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल गई: एके शर्मा

वाराणसी के तुलसी उद्यान में प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए. के. शर्मा की उपस्थिति में भाजपा कार्यकर्ताओं ने ‘मन की बात’ सामूहिक रूप से सुनी। इस अवसर पर नगर विकास मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब से काशी के सांसद बने हैं, तब से काशी की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी का काशी से विशेष आत्मीय जुड़ाव है और वे सदैव काशी के सर्वांगीण विकास के बारे में सोचते रहते हैं। आज काशी में अधोसंरचना विकास, सड़क, घाट, मंदिर क्षेत्र विकास, स्वच्छता, पर्यटन, विद्युत व्यवस्था, आवागमन और नागरिक सुविधाओं में अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिल रहा है, जो प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी सोच और मजबूत नेतृत्व का परिणाम है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में काशी न केवल आध्यात्मिक राजधानी के रूप में, बल्कि आधुनिक विकास के मॉडल के रूप में भी देश और दुनिया में अपनी पहचान बना रही है। काशी आज सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के साथ-साथ आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित एक स्मार्ट और जीवंत शहर के रूप में उभर रही है।

खास बात यह रही की कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने काशी में आयोजित काशी तमिल संगमम के चौथे संस्करण का खास तौर पर उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम में तमिल भाषा सीखने पर खासा जोर दिया गया। इस दौरान काशी के 50 से ज्यादा स्कूलों में विशेष अभियान भी चलाया गया। बच्चों और युवाओं के बीच तमिल भाषा को लेकर नया आकर्षण दिख रहा है। यही भाषा की ताकत है, यही भारत की एकता है। कार्यक्रम में कैंट भाजपा विधायक सौरभ श्रीवास्तव सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी