गुरुग्राम: ऑनलाइन ठगी से बचने को डीजीपी ने लॉन्च किया पीवीआर मॉडल

-डीजीपी ने पी.वी.आर. शब्द को साइबर ठगी से बचने का हथियार बनाया

-बोले, स्कैमर आपकी घबराहट पर निर्भर करता है

गुरुग्राम, 8 दिसंबर (हि.स.)। ऑनलाइन ठगी और ठगों से बचने के लिए हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ.पी. सिंह ने यह पीवीआर फार्मुला गुरुग्राम में लॉन्च किया। रविवार की देर शाम गुरुग्राम के टाउन हॉल में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने लोगों को स्कैमर्स यानी ठगों, घोटालेबाजों से सावधान रहने के लिए जागरुक किया।

साइबर सिक्योरिटी पर आयोजित महत्वपूर्ण कार्यक्रम में पहुंचे डीजीपी ओ.पी. सिंह ने एक नया और बेहद सरल नागरिक सुरक्षा फॉर्मूला पी.वी.आर. के रूप में पेश किया। पी.वी.आर...पी-मतलब पोज (रुकिये), वी मतलब-वेरिफाई (जांचिये)और आर-मतलब रिपोर्ट (1930 नंबर पर सूचित करें)। अगर हम इन तीनों को याद रखते हैं तो काफी हद तक ऑनलाइन ठगी से बच सकते हैं। पी.वी.आर. शब्द सिनेमा के रूप में हर किसी को याद रहता है। इसलिए डीजीपी ने इसी शब्द को साइबर ठगी से बचने का एक हथियार ही बना दिया।

उन्होंने कहा कि पोज, वेरिफाई, रिपोर्ट का मॉडल ऑनलाइन फ्रॉड और डिजिटल स्कैम से बचने के लिए तुरंत अपनाया जा सकने वाला तीन-स्टेप का हथियार है। डीजीपी ने कहा कि आज के स्कैमर्स तकनीक से ज्यादा मानव भावनाओं को हैक करते हैं। हर धोखाधड़ी अक्सर छह ट्रिगर्स पर खेलती है। जो कि-डर, जल्दबाजी, भरोसा, जिज्ञासा, लालच और लापरवाही हैं। पी.वी.आर. मॉडल स्कैम रोकने का नया मंत्र है। उन्होंने कहा कि पी.वी.आर. मतलब रुकिये, जांचिये और 1930 पर रिपोर्ट करें। साइबर ठगी होने पर इसी पी.वी.आर. मंत्र से ही मिनटों में ठगी के पैसे फ्रीज करा सकते हैं। डीजीपी ओ.पी. सिंह ने कहा कि स्कैमर आपकी घबराहट पर निर्भर करता है। दो सेकंड रुक जाए तो ठगों का खेल खत्म हो जाएगा। अपने मोबाइल, ई-मेल पर आने वाले नंबर, लिंक और मैसेज की असलियत चेक करें। कोई असली संस्था आपसे भाग-दौड़ में जानकारी नहीं मांगती।

तीन फिल्मी गीतों के माध्यम से भी समझाया

डीजीपी ओ.पी. सिंह ने पी.वी.आर. फार्मुला को तीन गाने, तीन स्टेप से भी समझाया, ताकि लोगों को यह प्रक्रिया आसानी से याद हो जाए। उन्होंने पोज पर कहा कि-जिसका मुझे था इंतजार, वेरिफाई पर कहा-कौन है वो, बोलो बोलो कौन है और 1930 पर रिपोर्ट को-चक दे इंडिया गीत से पी.वी.आर. को याद करने की तकनीक समझायी। उन्होंने कहा कि अगर आपको गाना याद रहे तो सुरक्षा भी याद रह जाएगी। डीजीपी ओ.पी. सिंह ने कहा कि राज्य की मजबूत साइबर तैयारी है। हरियाणा में 24गुणा7 1930 साइबर हेल्पलाइन, जिला-स्तर पर साइबर पुलिस स्टेशन, विशेष फॉरेंसिक टीमें और एफआईआर के बिना रिफंड सिस्टम जैसी सुविधाएं नागरिकों को तुरंत सहायता देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सस्पेक्ट मैसेज तब आए तो बस पी.वी.आर. चलो। यही आपकी डिजिटल ढाल है।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर