धर्मक्षेत्र से गूंजा गीता का संदेश,21 हजार बच्चों सहित कई देशों में हुआ गीता पाठ

-मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कार्यक्रम में की शिरकत

-गीता का संदेश केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत

चंडीगढ़, 1 दिसंबर (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अंतर्गत सोमवार को धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र के केशव पार्क में भव्य और ऐतिहासिक वैश्विक गीता पाठ आयोजित किया गया। इस सामूहिक पाठ में 21 हजार बच्चों ने एक स्वर में गीता के श्लोकों का उच्चारण कर वह दिव्य दृश्य प्रस्तुत किया, जिसने पूरे वातावरण को ज्ञान, भक्ति और अध्यात्म से सराबोर कर दिया।

इस अभूतपूर्व सहभागिता ने वसुधैव कुटुम्बकम् की भारतीय अवधारणा को साकार रूप दिया। इस कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शिरकत की। मुख्यमंत्री ने कुरुक्षेत्र में वैश्विक गीता पाठ में भाग लेने वाले स्कूली छात्रों के लिए मंगलवार को विशेष अवकाश की भी घोषणा की। इस अवसर पर योग गुरु बाबा रामदेव और गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी एवं गीता जयंती के पावन पर्व की शुभकामनाएं देते हुए भगवान श्री कृष्ण से नागरिकों के जीवन को ज्ञान के आलोक से आलोकित करने की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि इसी शुभ तिथि पर 5163 वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को श्रीमद्भगवद् गीता का दिव्य उपदेश दिया, जिसका संदेश आज भी संपूर्ण मानवता के लिए पथप्रदर्शक है। आज 21 हजार विद्यार्थियों द्वारा अष्टादशी श्लोकों के जाप से आकाश गूंज उठा है। यह गर्व की बात है कि आज भारत के विभिन्न क्षेत्रों के अलावा अनेक देशों में भी एक साथ इन श्लोकों के स्वर गूंज रहे हैं।

उन्होंने कहा कि गीता पाठ का महत्व केवल धार्मिक नहीं बल्कि वैज्ञानिक भी है। वेद, उपनिषद और गीता के मंत्रों के उच्चारण से उत्पन्न होने वाली सकारात्मक ध्वनि तरंगें मन और मस्तिष्क को शांति प्रदान करती हैं, विचारों में नैतिकता लाती हैं और व्यक्ति को नई ऊर्जा प्रदान करती हैं।

गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने देशवासियों का गीता जयंती की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कर्म करने का संदेश दिया। आज गीता जयंती के दिन कुरुक्षेत्र के केशव पार्क से जहां 21 हजार विद्यार्थी वैश्विक गीता पाठ कर रहे हैं, वहीं हरियाणा के 114 खंडों के 1 लाख 800 विद्यार्थी, 50 से ज्यादा देशों में भी वैश्विक गीता पाठ को लाखों-करोड़ों लोग देख रहे हैं।

योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि गीता स्थली कुरुक्षेत्र से पूरे विश्व को ज्ञान और संस्कार मिल रहा है। इस पवित्र ग्रंथ गीता में विरासत, विकास, ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का मार्ग मिलता है। इसलिए प्रत्येक मानव को बड़ी सोच रखकर कड़ी मेहनत से आगे बढऩा चाहिए। इस पवित्र ग्रंथ गीता से वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने का मार्ग भी मिलेगा।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा