स्मार्ट इंडिया है हैकाथॉन 2025 के ग्रैंड फिनाले के लिए निर्णायक मंडल नियुक्त किया गया

Jury appointed for the Grand Finale of Smart India Hackathon 2025


कठुआ, 08 दिसंबर । जम्मू-कश्मीर सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2025 के ग्रैंड फिनाले के लिए निर्णायक मंडल/मूल्यांकनकर्ता के रूप में जीडीसी हीरानगर के प्राचार्य और जीडीसी हीरानगर, जीडीसी उधमपुर और जीसीओई जम्मू के संकाय सदस्यों की एक टीम को नामित किया है। यह ग्रैंड फिनाले 8-9 दिसंबर 2025 को वर्धमान कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग हैदराबाद में आयोजित किया जाएगा।

स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन का आयोजन भारत के शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल द्वारा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सहयोग से भारत के माननीय प्रधानमंत्री के संरक्षण में किया जा रहा है। कॉलेज निदेशक डॉ. शेख एजाज बशीर इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उनके दूरदर्शी नेतृत्व, प्रोत्साहन और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता ने संकाय और छात्रों दोनों के लिए अवसर पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके अटूट समर्थन ने एसआईएच जैसे राष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक और नवाचार प्लेटफार्मों में जम्मू-कश्मीर की उपस्थिति को काफी मजबूत किया है। नामित मूल्यांकनकर्ताओं में डॉ. प्रज्ञा खन्ना प्रिंसिपल जीडीसी हीरानगर (टीम समन्वयक), डॉ. हरविंदर कौर एसोसिएट प्रोफेसर जीडीसी हीरानगर, रूपाली जामवाल असिस्टेंट प्रोफेसर जीडीसी हीरानगर, डॉ. राकेश शर्मा एसोसिएट प्रोफेसर जीडीसी हीरानगर, डॉ. परवीन सिंह एसोसिएट प्रोफेसर जीडीसी उधमपुर, डॉ. पियाली अरोड़ा एसोसिएट प्रोफेसर जीडीसी उधमपुर और डॉ. सोनम गंडोत्रा असिस्टेंट प्रोफेसर जीसीओई जम्मू शामिल हैं।

यह समूह स्मार्ट शिक्षा, एनईपी-संरेखित स्वचालन प्रणाली, डिजिटल मानसिक स्वास्थ्य प्लेटफॉर्म और अकादमिक-उद्योग इंटरफेस प्रौद्योगिकियों जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में देश भर की छात्र टीमों द्वारा प्रस्तावित अभिनव समाधानों का मूल्यांकन करेगा। जम्मू-कश्मीर के कॉलेजों से 5 समस्या कथनों का चयन, जिनमें से 3 जीडीसी हीरानगर द्वारा प्रस्तावित किए गए हैं, उच्च शिक्षा विभाग के लिए गौरव का क्षण है, जो जम्मू-कश्मीर के अग्रणी संस्थानों की शैक्षणिक उत्कृष्टता, अनुसंधान क्षमताओं और नवाचार-संचालित भावना को दर्शाता है। नामांकित निर्णायक मंडल के सदस्य चयनित छात्र टीमों के लिए मार्गदर्शक के रूप में भी काम करेंगे जिससे राष्ट्रीय नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र और समृद्ध होगा तथा तकनीकी उन्नति की दिशा में भारत के अभियान में सार्थक योगदान मिलेगा।

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