बीएलओ को 60 हजार रुपये देने का वादा, अभिषेक ने चुनाव आयोग के सामने रखी शर्त

कोलकाता, 01 दिसम्बर (हि. स.)। डायमंड हार्बर के महेशतला में सेबाश्रय-2 का शुभारम्भ सोमवार को हुआ। इसी मंच से तृणमूल के सर्वभारतीय महा सचिव अभिषेक बनर्जी ने चुनाव आयोग को सीधी चुनौती दे दी। हाल में आरोप लगा था कि बीएलओ के हक का पैसा राज्य सरकार ने रोक रखा है। इस मुद्दे पर भाजपा और चुनाव आयोग दोनों ने ही राज्य सरकार से सवाल पूछे थे। इन्हीं आरोपों का जवाब देते हुए अभिषेक ने आयोग के सामने नयी शर्त रख दी।

अभिषेक ने कहा कि राज्य का बकाया केंद्र ने रोका हुआ है और आयोग को चाहिए कि वह इस बारे में केंद्र सरकार को एक चिट्ठी भेजे। उन्होंने कहा कि अगर आयोग इतनी सी पहल कर दे, तो बीएलओ को मिलने वाले 12 हजार रुपये की जगह राज्य सरकार हर बीएलओ को 60 हजार रुपये देगी।

अभिषेक के अनुसार, आयोग ने दो अगस्त को एक अधिसूचना जारी कर बीएलओ का पारिश्रमिक छह हजार से बढ़ाकर 12 हजार रुपये कर दिया था और यह खर्च राज्य सरकार को उठाना है। इसी संदर्भ में उन्होंने दावा किया कि केंद्र राज्य का दो लाख करोड़ रुपये रोक कर बैठा है और आयोग को पूछना चाहिए कि किस कानून के तहत यह पैसा रोका गया है।

इसके बाद अभिषेक ने चुनौतीपूर्ण लहजे में कहा कि अगर आयोग सिर्फ वित्त मंत्रालय को एक चिट्ठी भेज दे, तो भले ही केंद्र पैसा न दे, राज्य सरकार 24 घंटे के भीतर हर बीएलओ के खाते में 60 हजार रुपये भेज देगी। अभिषेक का कहना था कि अगर आयोग पूरी तरह निष्पक्ष होता, तो वह यह चिट्ठी तुरंत भेज देता, लेकिन जो लोग आयोग को चला रहे हैं, उनके खिलाफ कुछ भी लिखना उसके लिये आसान नहीं है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर