कोलकाता में एएसएफएचएम का द्वितीय त्रैवार्षिक राज्य सम्मेलन आरंभ

कोलकाता, 19 दिसंबर (हि. स.)। राज्य के सरकार-मान्यता प्राप्त, सरकार-पोषित एवं सहायता प्राप्त हाई स्कूलों और मदरसों के प्रधानाध्यापकों एवं प्रधानाध्यापिकाओं के सबसे बड़े गैर-राजनीतिक तथा पंजीकृत संगठन एडवांस्ड सोसाइटी फॉर हेडमास्टर्स एंड हेडमिस्ट्रेसेस (एएसएफएचएम) का द्वितीय त्रैवार्षिक राज्य सम्मेलन शुक्रवार को कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर स्थित यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट हॉल में प्रारंभ हुआ। यह तीन दिवसीय सम्मेलन 19 से 21 दिसंबर तक प्रतिदिन सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक आयोजित होगा।

सम्मेलन में कूचबिहार से काकद्वीप, अलीपुर से अलीपुरद्वार तथा बांकुड़ा से बहरमपुर तक राज्य के सभी जिलों से लगभग एक हजार प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाध्यापिका प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। तीन दिनों में कुल 44 प्रतिनिधि राज्य की शिक्षा व्यवस्था की वर्तमान स्थिति, समस्याओं और उनके समाधान पर गहन विचार-विमर्श करेंगे।

प्रमुख मुद्दों में शिक्षकों एवं शिक्षाकर्मियों की शीघ्र एवं पारदर्शी नियुक्ति, विद्यालयों की वित्तीय सुरक्षा, कंपोज़िट ग्रांट में कमी, स्कूल सर्विस कमीशन में भ्रष्टाचार, शिक्षा का निजीकरण, छात्र ड्रॉपआउट एवं बाल विवाह पर रोक, तथा शिक्षा विभाग और बोर्डों द्वारा लगाए जा रहे आर्थिक दंड शामिल हैं।

पहले दिन सुबह रंगारंग प्रभात फेरी के साथ सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। औपचारिक उद्घाटन नेताजी सुभाष ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. डॉ. ध्रुबज्योति चटर्जी ने किया। मुख्य अतिथि आरसीसीआईआईटी कॉलेज के प्राचार्य श्री अनिर्बाण तथा विशिष्ट अतिथि समाजसेवी श्री शंकर हालदार उपस्थित थे। स्वागत भाषण राज्य अध्यक्ष डॉ. हरिदास घटक ने दिया और संपादकीय प्रतिवेदन राज्य महासचिव चंदन माइति ने प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर “एएसएफएचएम जर्नल” के छठे अंक का विमोचन भी किया गया।

सम्मेलन को उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद एवं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के शुभकामना संदेश प्राप्त हुए हैं। शनिवार को प्रख्यात साहित्यकार शीरषेन्दु मुखर्जी सहित अनेक विशिष्ट अतिथियों के शामिल होने की संभावना है।

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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय