साइबर सुरक्षा पर दो दिवसीय राष्ट्रीय अभ्यास कार्यक्रम शुरू

देहरादून, 4 दिसंबर (हि.स.)। साइबर सुरक्षा को लेकर देहरादून में “साइबर भारत सेतु : ब्रिजिंग स्टेट्स, सिक्योरिंग भारत” विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय अभ्यास कार्यक्रम का गुरूवार को शुभारंभ हुआ। पहले दिन विशेषज्ञों ने भारतीय कंप्यूटर इंमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) की भूमिका और साइबर सुरक्षा के संबंध में की गई पहलों की जानकारियों के साथ उत्तराखंड में साइबर सुरक्षा की चुनौतियां और अवसर पर विस्तार से जानकारी साझा की।

देहरादून स्थित सिविल सेवा संस्थान के सभागार में आयोजित राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा अभ्यास कार्यक्रम का शुभांरभ करते हुए आईटीडीए उत्तराखंड के निदेशक आलोक पाण्डे ने कहा कि साइबर सुरक्षा का महत्वपूर्ण कार्य उत्तरोत्तर अधिक चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। लिहाजा साइबर सुरक्षा प्रबंधन के लिए राज्य के सभी विभागों और संस्थानों को गंभीरता के साथ पूरी तैयारी रखनी जरूरी है। साइबर संकटों की जानकारी और उनसे निपटने के उपायों के लिए इस तरह के आयोजनों को अत्यधिक उपयोगी बताया। उन्हाेंने कहा कि राज्य में साइबर सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित करने पर कार्य किया जा रहा है। इस मौके पर लचीली साइबर संकट प्रबंधन योजना के निर्माण और साइबर खतरों एवं हमलों के तौर-तरीकों व बचाव के उपायों, साइबर सुरक्षा की चुनौतियों व एहतियातों और साइबर संकट प्रबंधन के उपायों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर भी विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की गई।

कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संस्थान सीईआरटी-इन के वैज्ञानिक राजेश पोखरियाल, शशांक गुप्ता, सब्यसाची जेना, राज्य निर्वाचन आयोग के संयुक्त सचिव कमलेश मेहता, आईटीडीए उत्तराखंड के एजीएम कमलेश अरूण,आशीष उपाध्याय, ट्रेंड माईक्रो के प्रतिनिधि अंकित आदि अन्य विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को साइबर सुरक्षा से संबंधित विभिन्न विषयों पर उपयोगी जानकारी दी।

इस कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न विभागों एवं संथानों 150 से भी अधिक मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों, आईटी विशेषज्ञों एवं साइबर सुरक्षा प्रशासक शामिल हुए। साइबर सुरक्षा काे लेकर सुदृढ़ बनने और अंतर-विभागीय समन्वय को बढ़ावा देने के साथ ही साइबर संकटों के प्रभावी प्रबंधन के लिए समग्र तैयारी को मजबूत करने के उद्देश्य से सीईआरटी-उत्तराखंड व आईटीडीए की ओर से भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार