नेत्रहीनों के जीवन में राेशनी का काम कर रही बहादुरगढ़ की ब्रेल प्रेस व लाईब्रेरी
- Admin Admin
- Jan 03, 2025
विश्व ब्रेल दिवस पर विशेष
-सैकड़ों दृष्टिहीन लगे हैं अध्यापक और कई बैंकों में हैं पीओ
झज्जर, 3 जनवरी (हि.स.)। बहादुरगढ़ शहर में दिल्ली रोड स्थित ब्रेल प्रेस एवं पुस्तकालय दृष्टिहीनों का जीवन संवारने में लगे हैं। यहां दृष्टिहीनों के लिए विशेष पुस्तकें तैयार करके दृष्टिहीनों को निशुल्क उपलब्ध करवाई जाती हैं। यहां तैयार पुस्तकों को हजारों दृष्टिहीन आत्मनिर्भर बन चुके हैं। राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ ने बहादुरगढ़ में वर्ष 1973 में ब्रेल प्रेस एवं पुस्तकालय की स्थापना की थी। तभी से यह संस्थान दृष्टिहीनों के लिए वरदान बना हुआ है। यहां स्थानीय दृष्टिहीनों के अलावा दिल्ली से भी दृष्टिहीन काम करने के लिए और अध्ययन के लिए आते हैं।
स्वच्छता की लिहाज से इस बहुत सराहनीय परिसर में दृष्टिहीनों को काम करते देख हैरानी होती है। यहां दृष्टिहीन लोग ही अन्य दृष्टिहीनों के लिए पुस्तकें तैयार करते हैं। यहां खासतौर पर हिंदी और अंग्रेजी भाषा में पुस्तकें तैयार की जाती हैं। यहां के सहायक प्रबंधक लक्ष्मी ने बताया कि देश में किसी भी स्थान से दृष्टिहीन की मांग पर उनको यहां से डाक द्वारा निशुल्क पुस्तकें भेज दी जाती हैं।
बहादुरगढ़ स्थित इस ब्रेल प्रेस व लाईब्रेरी ने हजारों दृष्टिहीनों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद की है। दृष्टिहीन शिवपाल प्रजापति ने यहां तैयार पुस्तकों से अध्ययन किया और फिर कुछ साल इसी प्रेस में पुस्तकें तैयार करने का कार्य किया। कुछ समय बाद उन्होंने दिल्ली सरकार के दृष्टिहीन विद्यालय में हिंदी अध्यापक (टीजीटी) के रूप से सेवाएं आरंभ कर दी। इसी संस्था के संबल की बदौलत सचिन कपूर देना बैंक में पीओ कार्यरत हैं। इसी संस्थान से निकले श्याम सुंदर भी दिल्ली के शिक्षा विभाग में हिंदी अध्यापक हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी की प्रोफेसर डॉ. कुसुम लता मलिक इस संस्था की अध्यक्ष और दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश में रहने वाले संतोष कुमार रूंगटा महासचिव है। पूर्व में इस संस्था को केंद्र सरकार के दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग से पर्याप्त अनुदान मिलता था। अब यह प्रेस व लाईब्रेरी दान, फीस व कुछ अनुदान से चलती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज