'मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना' के जरिए प्रदेश में 'दुग्ध क्रांति' लाएगी योगी सरकार

- योगी

सरकार ने प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में अग्रणी बनाने की दिशा में उठाया बड़ा कदम, योजना हुई लांच

लखनऊ, 25 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी

आदित्यनाथ ने प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने एवं गौ पालकों को सशक्त बनाने के

लिए उन्हें बड़ी सौगात दी है। योगी सरकार मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना

लॉन्च कर योजना के तहत प्रदेश में आधुनिक डेयरी इकाइयों की स्थापना करेगी। इससे

दुग्ध उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार होगा। इसके लिए योगी सरकार 1015 लाख रुपये खर्च करेगी।

दुग्ध

उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में योगी सरकार का कदम

योगी

सरकार ने प्रति पशु दुग्ध उत्पादन के राष्ट्रीय औसत को बढ़ाने के लिए मिनी नंदिनी

कृषक समृद्धि योजना की शुरुआत की है। दरअसल, उत्तर प्रदेश देश के प्रमुख दुग्ध

उत्पादक राज्यों में से एक हैलेकिन प्रति पशु दुग्ध उत्पादन की

दृष्टि से राज्य राष्ट्रीय औसत से पीछे है। राज्य में वर्तमान में प्रति गाय औसतन 3.78 लीटर दूध का उत्पादन होता है, जो कि राष्ट्रीय औसत से कम है। वहीं, योजना के तहत योगी सरकार ने उच्च

गुणवत्ता वाली स्वदेशी नस्लों की गायों का चयन कर हाइटेक डेयरी इकाइयों की स्थापना

का निर्णय लिया है। योजना के जरिये 10 गायों की क्षमता वाली हाइटेक डेयरी

इकाइयों की स्थापना की जाएगी। हर इकाई पर लगभग 23.60 लाख का खर्च आएगा, जिसमें सरकार और लाभार्थी दोनों का

योगदान होगा। इन इकाइयों में केवल गिर, थारपारकर और साहीवाल जैसी उच्च गुणवत्ता

वाली देशी नस्लों की गायें खरीदी जाएंगी, जिनकी दुग्ध उत्पादन क्षमता अधिक होती

है। योजना के तहत चुनी गई गायों की नस्ल का मूल्यांकन उनकी उत्पादन क्षमता और

गुणवत्ता के आधार पर किया जाएगा, जिससे अधिक दुग्ध उत्पादन सुनिश्चित हो सके।

गौ पालकों

को वैज्ञानिक पद्धतियों से कराया जाएगा परिचित

योजना के

तहत कैटल शेड और अन्य आधारभूत संरचनाओं का निर्माण आधुनिक तकनीक से किया जाएगा। इन

संरचनाओं में पफ पैनल का उपयोग किया जाएगा, जिससे मौसम के प्रतिकूल प्रभाव से

पशुओं की सुरक्षा हो सकेगी और उनका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा। इसके अलावा, गौ पालकों को आधुनिक प्रशिक्षण भी दिया

जाएगा, जिससे वे

नए तकनीकी साधनों का उपयोग कर अपने पशुओं की देखभाल और प्रबंधन कर सकें। गौ पालन

में तीन वर्ष का अनुभव रखने वाले योग्य किसानों का चयन किया जाएगा ताकि योजना का

लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंच सके। योजना से छोटे और सीमांत किसानों को सीधा

लाभ होगा। साथ ही किसानों को वैज्ञानिक पद्धतियों से परिचित कराया जाएगा। इससे कम

लागत में अधिक उत्पादन की संभावना बढ़ेगी। यह योजना सिर्फ दुग्ध उत्पादन बढ़ाने तक

सीमित नहीं है, बल्कि

इसका उद्देश्य ग्रामीण समाज में सकारात्मक बदलाव भी लाना है। योजना के जरिए

पशुपालकों को नए अवसर मिलेंगे, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकें।

हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला

   

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