महापंचायत में नरेश मीणा की रिहाई के लिए 10 दिन का अल्टीमेटम

टाेंक, 29 दिसंबर (हि.स.)। टाेंक जिले के समरावता थप्पड़कांड में जेल में बंद नरेश मीणा और अन्य लोगों की रिहाई की मांग को लेकर नगरफोर्ट में रविवार को महापंचायत आयोजित की गई। महापंचायत में कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल ने सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो राजधानी जयपुर में बड़ा आंदोलन होगा।

गुंजल ने कहा कि यदि समरावता प्रकरण की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से नहीं कराई गई और जेल में बंद लोगों को रिहा नहीं किया गया, तो हम ईंट से ईंट बजा देंगे। सरकार गलतफहमी में न रहे कि आंदोलन कुचल दिया जाएगा। यह संघर्ष अन्याय के खिलाफ जारी रहेगा। गुंजल ने आरोप लगाया कि एसडीएम ने आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए वोट डलवाए, घरों में घुसकर मारपीट की, और आगजनी करवाई। उन्होंने कहा कि सरकार ने दोषी अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं की।

महापंचायत में पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, पूर्व आईएएस टीकाराम मीणा, करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल मकराना, एससी-एसटी आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष केसी घुमरिया और मध्य प्रदेश के विधायक बाबूलाल झंडेल जैसे नेता शामिल हुए।

पूर्व मंत्री खाचरियावास ने कहा कि यह वही सरकार है जिसने पहले गुर्जर समाज के लोगों को मारा और अब समरावता में दलितों को निशाना बनाया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अयोग्य हैं और उनकी नियुक्ति पर्ची से हुई है।

मध्य प्रदेश के विधायक बाबूलाल झंडेल ने कहा कि मैंने तो एसडीओ को मारा था, जिससे उसे 27 टांके लगे। मैं भजनलाल सरकार को चेतावनी देता हूं कि लोकतंत्र की हत्या न करें। हम अंग्रेजों को भगा चुके हैं, यह सरकार कोई बड़ी चीज नहीं है।

महापंचायत में 50 से 60 हजार लोग शामिल हुए, जिनमें से कई ने जेल में बंद नरेश मीणा की रिहाई को लेकर आंदोलन का समर्थन किया। भजनलाल सरकार होश में आओ और नरेश मीणा को न्याय दो के नारे गूंजते रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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