
-प्राण प्रतिष्ठा समारोह का हुआ भव्य आयोजन
पूर्वी चंपारण,15 अप्रैल (हि.स.)।जिले के रक्सौल स्थित सूर्य मंदिर परिसर से सटे लगभग 150 वर्ष पुराने पौराणिक शिव मंदिर का कायाकल्प हो चुका है। वर्षों से खंडहर अवस्था में पड़े इस मंदिर को अब एक भव्य और सुंदर स्वरूप प्राप्त हो गया है। श्रद्धालुओं के अनुसार यह शिवलिंग प्राकृतिक रूप से जनेऊ धारण किए हुए था, लेकिन 2015 में आए विनाशकारी भूकंप ने मंदिर को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया था।
मंदिर के पुनर्निर्माण का संकल्प बिमल एवं प्रदीप रूंगटा की माता इंद्रा देवी रूंगटा ने लिया था।जो अब पूरी हो चुकी है।स्थानीय लोगो ने बताया कि 70 वर्षीय इंद्रा देवी जब मंदिर दर्शन को गईं तो उसकी जर्जर हालत देखकर भावुक हो उठीं और अपने परिवार के सहयोग से मंदिर के जीर्णोद्धार का निर्णय लिया। इसको लेकर इंद्रा देवी ने अपने पुत्रों, पुत्रवधु रचना रूंगटा एवं पौत्र गौरांग रूंगटा के साथ मिलकर मंदिर के पुनर्निर्माण की रूपरेखा बनाई।
इस कार्य में आनंद रूंगटा ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। आज यह मंदिर एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में सामने आया है, जिसका गुंबद दूर से ही आकर्षण का केन्द्र बन गया है।इस भव्य मंदिर का निर्माण उज्जैन के कारीगरों की कलात्मकता से हुआ है। मंदिर के शिखर और गुंबद की सुंदरता देखते ही बनती है। मंदिर परिसर में शिवलिंग के साथ माता पार्वती, श्रीगणेश कार्त्तिक जी और नंदी जी की मूर्तियाँ भी स्थापित की गई हैं।
उल्लेखनीय है,कि यह मंदिर को पूर्णतः वातानुकूलित बनाया गया है।कई दिनो यहां चल रहे पूजा अनुष्ठान के पश्चात मंगलवार को विधिवत रूप से मथुरा से आए विद्वानों द्वारा प्राण प्रतिष्ठा संपन्न कराई गई।
हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार