नैनीताल की लोवर मॉल रोड के उपचार के लिये 5 वर्ष बाद स्वीकृत हुए 3.48 करोड़
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- Mar 28, 2025

नैनीताल, 28 मार्च (हि.स.)। जिला व मण्डल मुख्यालय नैनीताल की लोअर मॉल रोड के वर्ष 2018 में क्षतिग्रस्त हुए 40 मीटर क्षेत्र का अब स्थायी उपचार शीघ्र ही शुरू होने जा रहा है। लोक निर्माण विभाग ने इस कार्य के लिए दिल्ली की एक कंपनी को ठेका निविदा के माध्यम से दे दिया है।
लोनिवि के अधिशासी अभियंता रत्नेश सक्सेना ने बताया कि इस कार्य के लिए लगभग 3 वर्ष पूर्व वर्ष 2022 में शासन से मॉल रोड के वर्ष 2018 में झील में समाए 25 मीटर हिस्से के दोनों ओर कुल मिलाकर 40 मीटर हिस्से में सेल्फ ड्रिलिंग एंकर्स की आधुनिक तकनीक से साढ़े चार मीटर चौड़ी आरसीसी यानी कंक्रीट की सड़क एक तरह से आरसीसी के पुल का निर्माण करने के लिये 3.48 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे, लेकिन सात बार निविदा निकाले जाने के बावजूद कोई भी ठेकेदार धनराशि के कम होने के कारण कार्य करने के लिए आगे नहीं आया था। इधर आठवीं बार निविदा प्रक्रिया कराई गई थी। इस प्रयास में ठेकेदार मिल गया है। कुमाऊं मंडल के आयुक्त दीपक रावत ने कहा कि पहले सेल्स ड्रिलिंग एंकर्स की मदद से 40 मीटर में यह कार्य किया जाएगा और इसकी सफलता पर लोवर मॉल रोड के पूरे धंसाव वाले क्षेत्र में भी इस तकनीक से स्थायी उपचार किया जायेगा।
बताया गया है कि वर्ष 2022 में शासन ने मॉलरोड के स्थायी उपचार के लिए 3.48 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया था। लेकिन दिल्ली की कंपनी ने 70 लाख रुपये अधिक लागत में निविदा डाली। इस पर लोनिवि ने बजट संशोधन के लिए शासन को पत्र लिखा। शासन से अनुमति मिलने के बाद ठेकेदार को वर्क बॉन्ड जारी कर शीघ्र ही कार्य शुरू कराया जाएगा।
2018 में झील में समा गया था सड़क का हिस्सा
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में नैनीताल की लोअर मॉल रोड का लगभग 25 मीटर हिस्सा 18 अगस्त 2018 की शाम लगभग 5.45 बजे धंसकर नैनी झील में समा गया था। यह घटना सड़क के कमजोर होने और जलभराव के कारण हुई थी। सड़क धंसने के बाद लगभग एक माह तक यातायात पूरी तरह से बाधित रहा था। इसके बाद से लोवर मॉल रोड के करीब 170 मीटर हिस्से में दरारें आ रही हैंए यानी भू धंसाव हो रहा है। तब के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जियो बैग और जीआई पाइपों की मदद से सड़क को अस्थायी रूप से सुरक्षित बनाया गया था।
विशेषज्ञों ने किया था अध्ययन
सड़क के स्थायी उपचार के लिए कई विशेषज्ञों द्वारा अध्ययन किया गया। बीते वर्ष टीएचडीसी ;टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशनद्ध के विशेषज्ञों ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की। इसमें मॉलरोड के स्थायी उपचार के लिए लगभग चार करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया था। दिल्ली की कंपनी को निविदा मिलने के बाद मॉलरोड का स्थायी उपचार शीघ्र ही शुरू होने की उम्मीद है। लोनिवि का दावा है कि अब मॉलरोड का उपचार आधुनिक तकनीक से किया जाएगाए जिससे भविष्य में सड़क की सुरक्षा बनी रहेगी और यातायात प्रभावित नहीं होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी