झज्जर : छुड़ानी के खेतों में चार से आठ फुट तक भरा पानी, निकासी की नही व्यवस्था

झज्जर, 13 सितंबर (हि.स.)। जिला के गांव छुड़ानी में डूबी हजारों एकड़ फसल से पानी निकासी अब तक शुरू नही हुई है। प्रशासनिक आपदा का शिकार बना छुड़ानी गांव आज भी जलभराव, बाढ़ के भीषण संकट से गुजर रहा है। खेतों में चार से आठ फुट तक पानी भरा हुआ है। मातन लिंक ड्रेन से पानी की पंपिंग बंद करने के कारण गांव के डहरी और थली क्षेत्र की एक हजार एकड़ से ज्यादा फसल पानी के अंदर समा चुकी है।

गांव वालों को ये डर बना हुआ है कि अब गेहूं की फसल की बिजाई भी हो पाएगी या नहीं। लेकिन जिस तरह प्रशासनिक अधिकारियों की बेरूखी गांव की तरफ बनी हुई है उससे ये प्रतीत हो रहा है कि इस बार छुड़ानी गांव के हजारों एकड़ खेतों में गेहूं की फसल भी नहीं बोई जा सकेगी।

गांव के किसान अजीत सिहं, लाला व जगदीश ने शनिवार को बताया कि इस बार प्रकृति ने नहीं, नाकारा प्रशासन ने उनकी सपनों को रौंदने का काम किया है।

खेतों में धान की बढ़िया फसल लहलहा रही थी लेकिन उसी बीच एकदम से सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन ने मिलकर मातन लिंक ड्रेन से पानी की पंपिंग बंद करवा दी और मातन लिंक ड्रेन ओवरफलो होकर खेतों में जमा हो गई। मातन लिंक ड्रेन में आने वाला सारा पानी छुड़ानी के खेतों में जमा हो गया है।

फिलहाल बारिश बंद हुए भी कई दिन बीत चुके हैं। केसीबी ड्रेन का जलस्तर भी नीचे आ चुका है। बावजूद इसके मातन लिंक ड्रेन से पानी की पंपिंग केसीबी ड्रेन में शुरू नहीं करवाई गई है। अधिकारियों से ग्रामीण गुजारिश भी कर चुके हैं लेकिन कोई अधिकारी कुछ सुनने को ही तैयार नहीं है।

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने पोर्टल पर भी अपने नुकसान की रिपोर्ट दर्ज कर दी है लेकिन अब तक न तो प्रशासन की तरफ से कोई राहत आई और न ही सरकार ने कुछ किया है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन ने जानबूझकर सोची समझी साजिश के तहत उनके खेतों को डूबोया है, इसलिए ऐसा करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए । ऐसा नहीं होने पर गांव के लोग न्यायालय में केस भी दायर कर सकते हैं।

बता दें कि मातन लिंक ड्रेन का पानी केसीबी ड्रेन में जाता है। इसके लिए केसीबी और मातन लिंक ड्रेन के मुहाने पर पंप हाउस भी बना रखा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज

   

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