जनजातीय क्षेत्रों में युवाओं को बस–ट्रेवलर खरीदने पर मिलेगी 40 फीसदी सब्सिडी : मुख्यमंत्री सुक्खू

शिमला, 12 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश जनजातीय सलाहकार परिषद् की 50वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्रों में परिवहन और ऊर्जा क्षेत्र के माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगार और स्वरोजगार के अवसर तैयार कर रही है।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अनुसूचित क्षेत्रों के युवाओं को बस और ट्रेवलर खरीदने पर 40 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। इसके साथ ही इन वाहनों पर सड़क कर से चार माह की छूट भी मिलेगी, ताकि स्थानीय युवाओं को परिवहन क्षेत्र से आय के अधिक अवसर मिल सकें। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि पर्वतीय और दुर्गम क्षेत्रों के युवाओं को स्वरोजगार के लिए अधिक सुविधाएं दी जाएं।

उन्होंने कहा कि जनजातीय इलाकों में निजी क्षेत्र में 250 किलोवाट से 1 मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाएं लगाने वालों को ब्याज पर उपदान दिया जाएगा, जिससे सौर ऊर्जा से जुड़े रोजगार भी बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बर्फबारी वाले क्षेत्रों में विकास कार्यों की टेंडर प्रक्रिया समय पर पूरी की जाए ताकि मार्च-अप्रैल में मौसम अनुकूल होते ही कार्य शुरू कर उन्हें समय पर पूरा किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पांगी के धनवास में 1.2 मेगावाट और स्पीति के रोंगटोंग में 2 मेगावाट के सौर ऊर्जा संयंत्र जल्द कार्यशील किए जाएंगे, जिससे इन क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति से जुड़ी समस्याओं का स्थाई समाधान होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शिपकी-ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने के प्रयास कर रही है और यह मामला केंद्र सरकार के सामने प्रमुखता से उठाया गया है। साथ ही, चीन अधिकृत तिब्बत के साथ पारंपरिक व्यापार को दोबारा शुरू करने की दिशा में भी प्रयास चल रहे हैं।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में सरकार के लगातार प्रयासों से अभूतपूर्व विकास हुआ है। इन क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति आय प्रदेश के अन्य भागों से अधिक है और सामाजिक दृष्टि से भी ये इलाके अग्रणी हैं। उन्होंने बताया कि जन्म के समय लिंगानुपात भी इन क्षेत्रों में प्रदेश औसत से बेहतर है।

सरकार महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा को लेकर विशेष रूप से प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निगुलसरी क्षेत्र में अक्सर बाधित रहने वाली सड़क को देखते हुए वहां नई सड़क का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि किन्नौर को बेहतर संपर्क सुविधा देने के लिए लगातार काम हो रहा है।

जनजातीय क्षेत्रों में नौतोड़ स्वीकृति भी सरकार की प्राथमिकता है और इसका प्रस्ताव राज्यपाल के अनुमोदन के लिए भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वनवासी अधिनियम 2006 के तहत सितंबर 2025 तक 1,039 पट्टे बांटे जा चुके हैं। किन्नौर और स्पीति के निवासियों की सुविधा के लिए रामपुर में जनजातीय भवन का निर्माण जारी है, जबकि नूरपुर जनजातीय भवन जल्द जनता को समर्पित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पांगी घाटी को राज्य का पहला प्राकृतिक खेती उपमंडल घोषित किया गया है। अनुसूचित क्षेत्रों के लिए विशेष महत्व रखते हुए इस वर्ष फरवरी में स्पीति से ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना’ शुरू की गई है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि जनजातीय इलाकों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार निरंतर हो रहा है। यहां दो क्षेत्रीय अस्पताल, छह नागरिक अस्पताल, पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 46 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, तीन आयुर्वेदिक अस्पताल, 73 आयुर्वेदिक डिस्पेंसरियां, 48 पशु चिकित्सालय और 118 पशु औषधालय स्थापित हैं। जनजातीय क्षेत्रों में अब तक 3,148 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हो चुका है, जिनमें से 61 प्रतिशत पक्की सड़कें हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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