सात दिन में चार हजार बाल वाहिनियों की जांच, 1365 के खिलाफ पुलिस ने की कार्रवाई

7 दिन में 4000 बाल वाहिनियों की जांच, 1365 के खिलाफ पुलिस ने की कार्रवाई

जयपुर, 12 फ़रवरी (हि.स.)। जयपुर पुलिस ने अनफिट सड़कों पर दौड़ रही बाल वाहिनियों के खिलाफ अभियान चलाया है। पिछले सात दिन में यातायात पुलिस ने 4000 बाल वाहनियों की जांच की , इसमें से 1365 के खिलाफ नियमों की अवहेलना करने पर कार्रवाई की गई।

पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ ने परिवहन के दौरान स्कूली बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए यातायात पुलिस को टीमें बनाकर जयपुर कमिश्नरेट क्षेत्र में अनफिट व यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाली बाल वाहिनियों के खिलाफ सख्त अभियान चलाकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। चौमूं क्षेत्र में पिछले दिनों सड़क हादसे में बस में सवार एक छात्रा की मौत हो गई थी और कई बच्चे-अध्यापक घायल हो गए थे। सभी बाल वाहिनियों की जांच को लेकर 5 फरवरी से सात दिवसीय जांच अभियान चलाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए ताकि ऐसे सड़क हादसों की प्रभावी रोकथाम हो सके

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त यातायात योगेश दाधीच के नेतृत्व में यातायात उपायुक्त शहीन ने सात दिवसीय सघन जांच अभियान चलाया। इस दौरान लगभग 4 हजार बाल वाहिनियों की जांच की गई। इनमें से कई बाल वाहनियां अनफिट पाई गई। कुछ बाल वाहिनियों के परमिट एक्सपायर हो चुके थे। कई चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं थे तो कुछ के ड्राइविंग लाइसेंस की अवधि समाप्त हो चुकी थी। कुछ बाल वाहिनियों के ड्राइवर नशे में भी मिले तथा कुछ ने ड्राइवर की तय वर्दी नहीं पहन रखी थी। विभिन्न प्रकार की अनियमितता पाई जाने वाली कुल 1356 बाल वाहिनियों के खिलाफ चालान की कार्रवाई की गई। गंभीर अनियमितता वाली 9 बाल वाहिनियों को जप्त किया गया। साथ ही यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाली बाल वाहिनियों की सूचना संबंधित संस्था प्रबंधकों को पत्र लिख कर अवगत करवाया जा रहा है ताकि यातायात नियमों की पालना सुनिश्चित हो सके।

यातायात उपायुक्त शहीन ने परिवहन विभाग द्वारा जारी बाल वाहिनियों के सुरक्षा मानक नियम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि स्कूल बस का रंग सुनहरी पीला होने के साथ बस पर आगे व पीछे ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए। बस, कैब, ऑटो के पीछे विद्यालय का नाम व फोन नंबर अनिवार्य रूप से अंकित होना चाहिए ताकि आपात स्थिति में और चालक द्वारा लापरवाही करने की दशा में सूचित किया जा सके। बस के अंदर ड्राइवर का नाम, पता, लाइसेंस नंबर, वाहन स्वामी नाम व मोबाइल नंबर, यातायात पुलिस व परिवहन विभाग हेल्पलाइन नंबर तथा वाहन का पंजीयन क्रमांक कॉन्ट्रास्ट रंग में लिखा हुआ स्पष्ट रुप से प्रदर्शित करना होगा। ड्राइवर के बदलने पर उसका विवरण बदल दिया जाएगा।

बस चलाने वाले ड्राइवर के पास कम से कम 5 साल का अनुभवी हो और उसके पास कम से कम 5 साल पुराना वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए ।बाल वाहिनी में बैठने की क्षमता सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार डेढ़ गुना से अधिक नहीं हो। बस में चालक अनिवार्य रूप से नियम अनुसार सीट बेल्ट लगाकर वाहन चलाए। स्कूल बस में चालक के पास वाली सीट पर 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों का परिवहन नहीं किया जाएगा।बाल वाहिनी वाहन चालक व कंडक्टर नियम अनुसार खाकी वर्दी पहनेंगे।वाहन चालक लाल बत्ती का उल्लंघन करने, तेज गति व खतरनाक तरीके से वाहन चलाने, शराब पीकर वाहन चलाने, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन पर बात करने जैसे अपराधों के लिए एक से अधिक बार चालान होगा तो उसे हटाया जाएगा।बस में छात्रों को उतारने व चढ़ाने में सहायता के लिए एक परिचालक भी होगा।

बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर जयपुर पुलिस कमिश्नर जोसेफ़ ने कहा कि शहर में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ साथ स्कूली बच्चों का सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकताओं में से एक है। इसी कड़ी में यह अभियान चलाया गया।उन्होंने बच्चों के अभिभावकों से भी अपील की कि वे समय-समय पर अपने बच्चों के स्कूल आने जाने के परिवहन के लिए संचालित बसों की सुरक्षा मानकों को वे भी जांच करते रहे ।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

सम्बंधित खबर