मौनी अमावस्या पर 50 हजार श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र पुष्कर सरोवर में डुबकी

अजमेर, 29 जनवरी (हि.स.)। मौनी अमावस्या के अवसर पर धार्मिक नगरी पुष्कर में पवित्र सरोवर में स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। अनुमान के अनुसार बुधवार को 50 हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने सरोवर के घाटों पर डुबकी लगाकर पुण्य कमाया। सुबह 5 बजे से ही स्नान के लिए श्रद्धालुओं का सरोवर के घाटों पर पहुंचना शुरू हो गया था, जो दिनभर जारी रहा। मौनी अमावस्या के अवसर पर श्रद्धालुओं ने न केवल पवित्र जल में डुबकी लगाई, बल्कि घाटों पर मौजूद तीर्थ पुरोहितों के हाथों पूजा-अर्चना कर दान-पुण्य भी किया। खास बात यह रही कि ज्यादातर श्रद्धालु, महिला-पुरुष, स्नान करने के बाद भजन-कीर्तन गाते हुए सरोवर की परिक्रमा भी करते नजर आए। एक ओर जहां सरोवर के घाट स्नान करने वाले श्रद्धालुओं से आबाद रहे, वहीं दूसरी ओर जगतपिता भगवान ब्रह्मा जी के साथ-साथ पुष्कर के अन्य मंदिरों में भी दर्शनार्थियों की भारी भीड़ उमड़ती रही। सुबह से ही लंबी लाइनों में खड़े होकर श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन करने के लिए इंतजार करते देखे गए। यही वजह रही कि मंदिर परिसर के अंदर और बाहर भक्तों की भारी भीड़ दिखाई दी। धार्मिक मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति मौनी अमावस्या के अवसर पर तीर्थ के जल में स्नान कर वैदिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना करता है और ब्राह्मण तीर्थ पुरोहितों को दान-पुण्य कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करता है, उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी मान्यता के चलते हजारों श्रद्धालुओं ने आज सरोवर के जल में डुबकी लगाकर दान-पुण्य किया। जगतपिता भगवान ब्रह्मा जी के मंदिर में रखे दानपात्रों में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए रुपयों की गिनती आज लगातार तीसरे दिन भी जारी रही। ब्रह्मा मंदिर अस्थाई प्रबंध कमेटी के सचिव और उपखंड अधिकारी पुष्कर, गौरव मित्तल के निर्देश पर चढ़ावे के रुपयों की गिनती में आज 14 लाख 30 हजार 800 रुपये प्राप्त हुए। इससे पहले, दो दिनों की गिनती में प्रशासन को 26 लाख 46 हजार 755 रुपये प्राप्त हुए थे। इस प्रकार, तीन दिनों में दो मुख्य दानपात्रों से अब तक कुल 40 लाख 77 हजार 555 रुपये की राशि की गिनती की जा चुकी है। अभी भी कुछ दानपात्रों की गणना शेष है। माघ कृष्ण अमावस्या पर विशेष आयोजन:माघ मास की अमावस्या के अवसर पर तीर्थगुरु पुष्करराज के गणगौर घाट पर शहीदों और पितरों की शांति के लिए, साथ ही विश्व की सुख-समृद्धि और भारत की खुशहाली के लिए महाआरती का आयोजन किया गया। ढोल, नगाड़े और मृदंग की ध्वनियों के साथ पंडित राहुल पाराशर, पंडित दामोदर मुखिया और पंडित कैलाश नाथ दाधीच द्वारा महाआरती की गई। इससे पूर्व तीर्थगुरु पुष्करराज का दुग्ध अभिषेक और पूजन भी किया गया। महाआरती से पहले अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नगाड़ा वादक नथ्थूलाल सोलंकी और नरेंद्र सोलंकी ने शानदार प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के अंत में पुष्पांजलि अर्पित की गई और प्रसाद का वितरण किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / संतोष

   

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