कच्चे धागों से भाई की कलाई पर बांधा स्नेह का बंधन

मीरजापुर, 19 अगस्त (हि.स.)। भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के पवित्र प्रेम और रिश्तों की प्रगाढ़ता का अनूठा पर्व रक्षाबंधन पर सोमवार को कुछ अलग ही नजारा दिखा। श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को रेशम के कच्चे धागों में घर-घर में सच्चे संकल्प गूंथे गए। बहनों ने भाईयों की कलाईयों पर राखी बांध रक्षा का वचन लिया। मिठाइयां खिलाईं और उपहार पाकर गदगद दिखीं।

सुबह से ही भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक इस अनूठे पर्व रक्षाबंधन का हर्षोल्लास हर चेहरे पर झलक रहा था। सुबह से ही पर्व की हलचल घरों व गली-चौराहों पर महसूस की जाने लगी थी। बहनों ने दोपहर बाद राखी की थाल सजाई। भाइयों के माथे पर रोली-चंदन, अक्षत का टीका किया और कलाई पर सुरक्षा की गुहार और वचन में लिपटी राखी सजा दी। भाइयों ने संकल्प निभाने के वादे के साथ उपहार भी भेंट किए। पर्व को लेकर बच्चों में खूब उत्साह रहा। रंग-बिरंगे परिधान पहने व उपहार पाकर वे निहाल हो रहे थे। गांव हों या शहर, हर घर, गली में राखी की धूम चहक रही थी। रक्षाबंधन पर्व पर भक्तों ने अपने आराध्यों को राखियां बांधी और निष्कंटक जीवन की कामना की। अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए दूर-दराज ससुराल से भी बहनें मायके पहुंची थीं। कहीं भाइयों ने भी उनकी ससुराल जाकर राखी बंधवाई।

रक्षाबंधन पर मिष्ठान्न की दुकानों पर कुछ ही घंटों में स्टाक खत्म हो गया। हालांकि पर्व की पूर्व संध्या पर लोगों ने मिठाइयों की खरीदारी कर ली थी, लेकिन ज्यादातर यहां सवेरे पहुंचे थे। इससे दुकानों पर भीड़ लग गई। दोपहर होते-होते ज्यादातर विक्रेताओं के स्टाक खत्म हो गए। राखी व उपहारों की दुकानों पर भी खूब भीड़ रही।

हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा / शरद चंद्र बाजपेयी / राजेश

   

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