वाराणसी एटीएस टीम ने कैंट स्टेशन से म्यांमार से आए घुसपैठिए को दबोचा,पूछताछ जारी

—घुसपैठिए मोहम्मद अब्दुल्ला ने ज्ञानवापी मस्जिद की रेकी भी की

वाराणसी,30 नवम्बर (हि.स.)। आतंकवाद निरोधी दस्ता ( एटीएस ) की वाराणसी इकाई ने कैंट रेलवे स्टेशन से एक म्यांमार के घुसपैठिए को पकड़ा है। घुसपैठिए ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद की रेकी भी की थी। एटीएस टीम आरोपित को देर रात पूछताछ के लिए ले गई। पूछताछ में टीम को मोहम्मद अब्दुल्ला के मोबाइल फोन और उसमें लगे मेमोरी कार्ड से कई जानकारियां मिली है। एटीएस टीम घुसपैठिए के नेटवर्क का पता लगाने के साथ उसके मकसद के बारे में भी जानकारी जुटा रही है।

एटीएस के स्थानीय अफसरों के अनुसार उन्हें सूचना मिल रही थी कुछ व्यक्ति एक सिंडिकेट बनाकर अवैध घुसपैठियों को उनकी पहचान छुपाकर फर्जी दस्तावेज के सहारे भारत में भेज रहे है। इनको आर्थिक मदद देकर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे है। इस सूचना के आधार पर टीम ने इनका लोकेशन ट्रैस करना शुरू कर दिया। इसी बीच मोहम्मद अब्दुल्ला के वाराणसी में गतिविधि की जानकारी मिलते ही टीम ने कैंट स्टेशन के दूसरे प्रवेश द्वार पर घेराबंदी कर ली। शुक्रवार देर रात मोहम्मद अब्दुल्ला स्टेशन के अंदर जाने के लिए जैसे ही गेट पर पहुंचा, टीम ने उसे दबोच लिया। अब्दुल्ला ने पूछताछ में एटीएस टीम को बताया कि पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर से वह गुरुवार रात वाराणसी आया था। शुक्रवार को पूरे दिन वह ज्ञानवापी के पास मौजूद रहा। उसने आसपास के लोगों से बात करने की कोशिश की, लेकिन किसी से बात नहीं हो सकी। मस्जिद की रेकी के बाद वह लौट आया। अब्दुल्ला ने बताया कि बांग्लादेश से वह रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में फर्जी दस्तावेज के जरिए प्रवेश कराता है। टीम ने आरोपित के पास से आधार कार्ड ,यूएनएचसीआर (संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी) कार्ड,निर्वाचन कार्ड,1070 रूपए नगद और पैन कार्ड भी बरामद किया। आधार कार्ड में उसका नाम अब्दुस सलाम मंडल लिखा था। आरोपित पश्चिम बंगाल के मेदनीपुर जिले में थाना गढ़बेटा के दुर्गबनकटी में रहता है। उसने अब्दुस सलाम मंडल पुत्र असगर मंडल के नाम से फर्जी आधार कार्ड वहीं से बनवाया है। एटीएस के अफसरों के अनुसार इसके पहले गिरफ्तार अबू सलेह मंडल, अब्दुल्ला गाजी, शेख नजीबुल हक आदि के जरिए मो. अब्दुल्ला ने म्यांमार से घुसपैठ कर भारत में प्रवेश किया था। पश्चिम बंगाल मेदिनीपुर में जमीन खरीदी। इसके लिए उसे आर्थिक मदद भी मिली। फर्जी दस्तावेज और आधार के जरिए वह 2018 से मेदिनीपुर में रह रहा था। लखनऊ के एटीएस थाना में उसके खिलाफ एक मुकदमा दर्ज है। मोहम्मद अब्दुल्ला की एटीएस को काफी समय से तलाश थी और बनारस में उसकी लोकेशन मिलते ही टीम ने गिरफ्तार कर लिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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