सोनीपत: स्वस्थ शरीर ही एकाग्र मन की कुंजी: अशोक वार्ष्णेय

-आरोग्य

भारती एवं विश्वविद्यालय के संयुक्त आयोजन में जागरूकता कार्यक्रम

संपन्न

सोनीपत, 25 अप्रैल (हि.स.)। दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,

मुरथल में आरोग्य भारती के सहयोग से आयोजित स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम में आरोग्य

भारती के संगठन सचिव अशोक वार्ष्णेय ने कहा कि यदि शरीर अस्वस्थ होगा, तो मन की एकाग्रता

संभव नहीं है। उन्होंने वर्तमान जीवनशैली पर चिंता जताते हुए कहा कि हम अपने स्वास्थ्य

की जिम्मेदारी डॉक्टरों पर छोड़ चुके हैं, जबकि स्वस्थ रहने की जिम्मेदारी हमारी स्वयं

की है।

शुक्रवार को कार्यक्रम में वार्ष्णेय ने कहा कि स्वास्थ्य

खरीदा नहीं जा सकता, केवल दवाइयों और चिकित्सालयों पर निर्भरता हमें दीर्घकालिक समाधान

नहीं दे सकती। कोरोना महामारी के समय आयुष काढ़े के उपयोग के आंकड़ों का उल्लेख करते

हुए उन्होंने बताया कि भारत में 89 प्रतिशत लोगों ने इसका प्रयोग किया, जिससे यह स्पष्ट

होता है कि आयुर्वेदिक पद्धति पर लोगों का विश्वास बढ़ा है।

उन्होंने जीवनशैली में सुधार की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा

कि देर से सोना, असंतुलित आहार और गतिहीन जीवन रोगों को आमंत्रण देता है। उन्होंने

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि अत्यधिक व्यस्तता के बावजूद वे

नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, जिससे उनका कार्य करने का उत्साह बना रहता है।

कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते

हुए कहा कि स्वस्थ व्यक्ति ही राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकता है। सेवानिवृत्त

डीजीपी व स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय के कुलपति अशोक कुमार ने आयुर्वेद की प्राचीनता और

प्रभावशीलता को रेखांकित किया। कार्यक्रम में क्षेत्रीय प्रचारक संजीवन, प्रो. अशोक

शर्मा, डॉ. अजय गर्ग सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना

   

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