विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने वाला है बजट : एसजीसीसीआई

निखिल मद्रासीरमेश  वघासियानिरव मांडलेवालामृणाल शुक्ला

सूरत, 1 फरवरी (हि.स.)। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पेश केन्द्रीय बजट-2025 को लेकर शनिवार को दक्षिण गुजरात के उद्यमियों ने प्रतिक्रिया दी हैं। दी सदर्न गुजरात चैम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज (एसजीसीसीआई) से जुड़े उद्यमियों ने सूरत के नानपुरा स्थित समृद्ध कार्यालय में बजट का लाइव प्रसारण देखा। चैम्बर के प्रमुख, पदाधिकारी समेत कई बड़े उद्यमियों ने बजट को सभी ने सकारात्मक और उद्योग जगत के लिए पॉजिटव बताया।

चैम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रमुख विजय मेवावाला ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केन्द्रीय बजट को प्रगतिशील बजट बताया। उन्होंने कहा कि बजट में प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना की घोषणा की है। पहले चरण में इस योजना के तहत कम उत्पादकता वाले 100 जिलों को समाहित किया गया है। अपने देश के किसान इस योजना का लाभ उठाकर बड़े पैमाने पर कपास (कॉटन) का उत्पादन करेंगे, जिससे कॉटन के अधिक उत्पादन का सीधा लाभ टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज को मिलेगा। उन्होंने एमएसएमई के संदर्भ में की गई घोषणाओं के कारण एमएसएमई का हब माना जाने वाले सूरत समेत दक्षिण गुजरात को बहुत बड़ा फायदा मिलने की बात कही।

टेक्सटाइल इंडस्ट्री में विविंग मशीन पर 5 फीसदी ड्यूटी की छूट थी, जिसकी समय सीमा 31 मार्च, 2025 थी। केन्द्रीय बजट में वित्त मंत्री ने इस ड्यूटी छूट की सीमा बढ़ाई है। इसके अलावा निटेड फैब्रिक पर लगने वाली बेसिक कस्टम ड्यूटी को 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी की गई है। वित्त मंत्री की घोषणा में निटेड फैब्रिक पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 20 फीसदी या प्रति किलो 115 रुपये में से जो अधिक होगा वह लागू माना जाएगा। बजट के इस प्रावधान का सीधा लाभ सूरत समेत दक्षिण गुजरात के शटल लेस लूम्स पर निटेड फैब्रिक उत्पादन करने वाले उद्यमियों को मिलेगा। भारत में लुधियाना के बाद सूरत निटेड फैब्रिक का उत्पादन करने का मुख्य केन्द्र है। इसके अलावा गरीब वर्ग, युवा, किसान और नारी शक्ति के विकास के लिए कई प्रावधानों की घोषणा की गई है। एमएसएमई की महिला उद्यमियों के लिए लोन की घोषणा की गई है। प्रथम बार उद्योग लगाने वाली महिलाओं को 2 करोड़ रुपये का टर्म लोन मिलेगा।

चैम्बर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष निखिल मद्रासी ने केन्द्रीय वित्त मंत्री के बजट प्रावधानों की तुलना मैच की आखिरी गेंद पर लगाये गये विजयी छक्के से की। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत करदाता की वर्षों पुरानी मांग मंजूर होने से सर्वत्र खुशी का माहौल है। 1 लाख करोड़ रुपये खोने के बाद भी टैक्स स्लैब में किए गए इस संशोधन से अब लोग टैक्स देने के लिए प्रेरित होंगे। काले धन का प्रचलन कम होने और स्वच्छ धन का प्रचलन बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था को समग्र रूप से लाभ होगा।

अगले पांच वर्षों में पहली बार उद्यमियों, महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी और उन्हें 2 करोड़ रुपये का टर्म लोन दिया जाएगा, यह भी एक स्वागत योग्य प्रावधान है।

मद्रासी ने कहा कि सूरत के डायमंड उद्योग की बात करें तो इस बजट में इससे जुड़ा कोई भी प्रावधान नहीं किया गया हे। डायमंड उद्योग को रफ डायमंड से इम्पोर्ट ड्यूटी कम होगी, इसकी उम्मीद थी। परंतु, ऐसा नहीं होने से हीरा उद्यमियों में नाराजगी है। एमएसएमई के तहत फुटवेयर और लेदर सेक्टर, खिलौना सेक्टर और बिहार में नेशनल इस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी की स्थापान संबंधी घोषणा से फूड प्रोसेसिंग इन्डस्ट्री को खूब फायदा होगा।

चैम्बर ऑफ कॉमर्स के पूर्व प्रमुख रमेश वघासिया ने कहा कि किसी भी देश के विकास के लिए राजकोषीय घाटा यानी फिस्कल डेफिसीट कम हो तो यह स्वागत योग्य है। 5.1 फीसदी से 4.8 फीसदी और आगामी वर्ष यह राजकोषीय घाटा 4.4 फीसदी तक घटाने का लक्ष्य देश के जीडीपी को बढ़ाने में सहायक होगा। इससे देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बजट में किए गए प्रावधानों के अनुसार नई टैक्स रिजीम में 12 लाख के अलावा 4 लाख रुपये वार्षिक आवक तक कोई टैक्स नहीं है। इसके बाद 12 लाख के अलावा 4 लाख से 8 लाख रुपये तक बढ़े आय पर 5 फीसदी, 8 लाख से 12 लाख तक की आवक पर 10 फीसदी, 12 से 16 लाख रुपये तक की आवक पर 15 फीसदी, 16 लाख से 20 लाख तक 20 फीसदी, 20 से 24 लाख तक आवक पर 25 फीसदी और 24 लाख से अधिक आवक पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा।

चैम्बर ऑफ कामर्स के मानद मंत्री निरव मांडलेवाला ने कहा कि केंद्रीय बजट में हेल्थ केयर और मैनुफैक्चरिंग क्षेत्रों के लिए आयातित मशीनरी और औद्योगिक सामानों पर बुनियादी सीमा शुल्क में कटौती की घोषणा की गई है, जिसका सीधा फायदा छोटे और मध्यम उद्यमियों को होगा। छोटे उद्यमी नई मशीनरी आयात करके और फिर निर्यात करके गुणवत्तापूर्ण उत्पादों का उत्पादन बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, उद्यम पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले एमएसएमई को 5 लाख रुपये तक का एक कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा, जिससे एमएसएमई सक्षम हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि भारत में खिलौने को बड़े पैमाने पर आयात किया जाता है। केन्द्रीय बजट में खिलौना सेक्टर को प्रधानता दी गई है। इससे भारत में खिलौना सेक्टर भी आत्मनिर्भर होगा, जिससे खिलौनों का भी निर्यात हो सकेगा।

चैम्बर के कोषाध्यक्ष मृणाल शुक्ल ने कहा कि केन्द्रीय बजट में नौकरी पेशा वर्ग को राहत दी गई है। अन्य किसी भी स्रोत से आवक होने के केस में कर मुक्ति की सीमा 12 लाख रुपये तक की गई है। इसके अलावा अब तमाम करदाताओं को पिछले चार साल तक का आईटी रिटर्न एक साथ फाइल करने की सुविधा मिलेगी। पहले यह सीमा दो साल की थी। बजट में वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस की सीमा 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये की गई है। यह भी एक स्वागत योग्य कदम है।

हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय

   

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