राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर केंद्रित सेमिनार में देशभर के शिक्षाविद शामिल

चंपावत, 29 नवंबर (हि.स.)। चंपावत के लोहाघाट स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन और 21वीं सदी में विद्यालयी शिक्षा के रूपांतरण पर गहन मंथन करना था। इसमें देशभर से आए शिक्षाविदों, विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने कौशल आधारित पाठ्यक्रम, डिजिटल शिक्षण, नवाचार और समावेशन जैसे विषयों पर अपने विचार साझा किए।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि, उत्तराखंड की निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण वंदना गर्बयाल ने सेमिनार के विषय को अत्यंत प्रासंगिक बताया। उन्होंने डाइट लोहाघाट की इस पहल को राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित किए जाने योग्य करार दिया। एनसीईआरटी के प्राध्यापक डॉ. जितेंद्र पाटीदार ने इसे देश का शिक्षा महाकुंभ बताया, वहीं सीमेट के सीनियर प्रोफेशनल डॉ. मोहन सिंह बिष्ट ने इसे शिक्षा परिवर्तन में मील का पत्थर कहा।

चंपावत के मुख्य शिक्षा अधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने शिक्षक प्रशिक्षण में नवाचार और व्यवहार परिवर्तन पर जोर देने की अनिवार्यता बताई। डाइट के पूर्व प्राचार्य जगदीश सिंह अधिकारी ने शिक्षा क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान सामूहिक दृष्टिकोण से करने का आह्वान किया।

सेमिनार संयोजक डॉ. कमल गहतोड़ी ने जानकारी दी कि इसमें 210 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया था। कुल 130 शोधपत्र प्राप्त हुए, जिनमें से 48 को तकनीकी सत्रों में प्रस्तुत किया गया। सहसंयोजक दीपक सोराड़ी के अनुसार, 21 राज्यों से आए प्रतिभागियों ने 50 से अधिक शोधपत्र साझा किए।

मुख्य वक्ताओं में डॉ. कल्पना पाटनी लखेड़ा, डॉ. केवल आनंद कांडपाल, बीईओ हिमांशु नौगाई और डॉ. आनंद भारद्वाज शामिल थे। इन्होंने डिजिटलीकरण, समावेशन और भारतीय ज्ञान परंपरा के संगम पर अपने विचार रखे। तकनीकी सत्रों की समीक्षा डॉ. विवेक व्यास और डॉ. रवि जोशी ने की। अंत में, प्रभारी प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।

हिन्दुस्थान समाचार / राजीव मुरारी

   

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