पत्रकार सत्यनिष्ठा, निर्भीकता और समाज हित को सर्वोपरि रखे— नारायण लाल
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- May 13, 2025

आद्य संवाददाता देवश्री नारद जयंती पर विचार गोष्ठी हुई आयोजित
अजमेर, 13 मई(हि.स)। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अध्यक्ष प्रो. नारायण लाल गुप्ता ने कहा कि वर्तमान में पत्रकारिता सोशल मीडिया के दौर में बेहद चुनौतीपूर्ण है। इस चुनौती का सामना समाज के साथ संवाद की निरंतरता से ही संभव है। यह दायित्व पत्रकारों को पूर्ण जिम्मेदारी से उठाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में सिर्फ स्थापित पत्रकार ही नहीं बल्कि समाज का प्रत्येक व्यक्ति संवाद कर रहा हैं। वह पाठक भी है, श्रोता भी है, वह दर्शक भी है और वह उपभोक्ता भी है इस सबके बावजूद स्वविवेक गुम खो रहा है। लाइक, कमेंट, कट, पेस्ट, शेयर, फॉरवर्ड इतना चल रहा है। सत्य, सच, सही और गलत में भ्रम बना रहता है। पत्रकार और समाज के बीच संवाद की निरंतरता जरूरी है चूंकि संवाद से ही समाज को दिशा मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि समाज ने दुनिया भर से सूचनाओं को संकलित कर मीडिया हाउस को इस अधिकार से सौंपा था कि वह उनके लिए उचित और समाज व लोकहित में सूचनाओं को संपादित कर संप्रेषित करे। इसलिए पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना गया। वर्तमान में पत्रकारिता के व्यावसायिकरण के दौर में बहुत कुछ बदल रहा है जो कुछ हद तक स्वाभाविक भी है, बिना अर्थव्यवस्था के पत्र पत्रिकाओं और चैनलों का संचालन संपादन संभव नहीं हो सकता। यही वजह है कि पत्रकारिता मिशन ही नहीं रही। मीडिया हाउस पर विविध दृष्टि से प्रभुत्व वाले लोगों का कब्जा हो गया। वे लोग कभी अपने लाभ की दृष्टि से तो कभी किसी ओर के लिए सुविधा की दृष्टि से समाज को वैसा ही परोस रहे हैं जैसा वे चाहते हैं, इसका दुखद पक्ष है कि सामने से कहा यह जाता है कि समाज जैसा चाहता है वैसा ही तो परोसा जाता है। ऐसे में पत्रकारों को आद्य संवाददाता देवऋषि नारद जी के चरित्र का स्मरण करना चाहिए। पत्रकार को चाहिए कि वह अपने विवेक से सत्यनिष्ठा से, सर्व समावेशित, नैतिकता और लोकहित को देखते हुए समाज में वहीं संवाद चैनल और पत्र पत्रिकाओं के माध्यम से संप्रेषित करे जिससे समाज को दिशा मिले।
उन्होंने कहा कि भारत में पत्रकारिता के मापदंड देवऋषि नारद जी के जीवन चरित्र से आते हैं। इसलिए सत्य, सर्व समावेशिता, नैतिकता, लोकहित और निर्भीकता यह पांच उनके जीवन के ऐसे पक्ष है जो पत्रकारिता के लिए हम सबके लिए मार्गदर्शक हो सकते हैं। विश्व संवाद केंद्र चित्तौड़ प्रांत के अजमेर चैप्टर के संरक्षक डॉ. रमेश अग्रवाल ने विचार गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए अपने विचार रखे और पत्रकारों को नारद जी के जीवन चरित्र से सीख लेते हुए निष्पक्ष बने रहने व संवाद की प्रस्तुति लोकहित को केंद्रित करते हुए करने को प्रेरित किया। वरिष्ठ पत्रकार और कॉलमिस्ट एस पी मित्तल ने विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए वर्तमान में चैनलों पर ऑपरेशन मिशन के दौरान ब्रेकिंग न्यूज के नाम पर चिल्ला चिल्ला कर परोसे जा रहे भ्रम से सभी सावधान रहने की सलाह दी और सभी का आभार व्यक्त किया।
विश्व संवाद केंद्र चित्तौड़ प्रांत की ओर से मंगलवार 13 मई को अजमेर में नारद जयंती के उपलक्ष्य में आदर्श विद्या मंदिर आयोजित इस विचार गोष्ठी में पत्रकार, बुद्धिजीवी, साहित्यकार, लेखक एवं शहर के जागरूक नागरिकों ने भाग लिया। विश्व संवाद केंद्र चित्तौड़ प्रांत के अजमेर चैप्टर के सचिव भूपेंद्र उबाना ने सभी का स्वागत किया। केंद्र के प्रतिनिधि प्रदीप शर्मा ने बताया कि नारद जयंती पर प्रतिवर्ष अजमेर में विचार गोष्ठी आयोजित की जाती है। उन्होंने बताया कि विश्व संवाद केंद्र की ओर से प्रांत स्तरीय पत्रकार सम्मान समारोह 18 मई को कोटा में रखा गया है। इसमें पत्रकारिता की छह श्रेणियों में उत्कृष्ट पत्रकार को सम्मानित किया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष