
इटानगर, 16 जून (हि.स.)। ऑल अरुणाचल प्रदेश स्टूडेंट्स यूनियन (आपसू) ने सोमवार को इटानगर में एक जनमत संग्रह रैली आयोजित की, जिसमें कहा गया कि अवैध प्रवासियों, खासकर चकमा और हाजोंग समुदायों को राज्य से बाहर निकालने की मांग हमारी लंबे समय से चली आ रही है।
रैली आकाशदीप मार्केट से शुरू हुई और इटानगर स्थित राजभवन में समाप्त हुई, जिसमें कई समुदाय-आधारित संगठनों (सीबीओ) और जिला छात्र संघों (डीएसयू) और आम जनता के सैकड़ों लोग शामिल हुए। रैली ने अरुणाचल की स्वदेशी पहचान के लिए जनसांख्यिकीय और संवैधानिक खतरे के रूप में आपसू द्वारा वर्णित लोगों में बढ़ते असंतोष को उजागर किया।
रैली के बाद आपसू ने मुख्य सचिव के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक 4 सूत्री ज्ञापन सौंपा, जिसमें सभी अवैध प्रवासियों की तत्काल पहचान और निर्वासन के साथ-साथ राज्य की मतदाता सूचियों का पुनः सत्यापन और शुद्धिकरण करने की मांग की गई।
रैली के दौरान संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए आपसू के अध्यक्ष दोजी ताना तारा ने कहा, चकमा और हाजोंग बसने वालों की संख्या 1960 के दशक के शुरू में 56 परिवार थी। अब उनकी आबादी बहुत बढ़ गई है और वे अवैध रूप से जमीन पर कब्जा कर रहे हैं, आदिवासी लाभों का लाभ उठा रहे हैं और ताई-खामती और सिंगफो क्षेत्रों जैसे इलाकों में जनसांख्यिकीय संतुलन को बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनियंत्रित घुसपैठ बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (बीईएफआर), 1873 का सीधा उल्लंघन है और इससे राज्य में अनुसूचित जनजातियों के अधिकार खतरे में पड़ गए हैं। ज्ञापन में भूमि अतिक्रमण, कल्याणकारी योजनाओं के दुरुपयोग और कानून-व्यवस्था की चिंताओं का भी हवाला दिया गया है।
प्रदेश चुनाव सूची से गैर अरुणाचली मतदाताओं को हटाने के लिए कैबिनेट से मंजूरी की मांग करते हुए आपसू ने कहा कि आजकल गैर अरुणाचली मतदाताओं की संख्या अरुणाचली मतदाताओं से अधिक हो रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / तागू निन्गी