अब्दुल रहीम राथर ने वेलू-सिंघपोरा और सुधमहादेव-द्रंगा सुरंग परियोजनाओं में देरी पर दुख व्यक्त किया

श्रीनगर, 15 अप्रैल (हि.स.)। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अब्दुल रहीम राथर ने सार्वजनिक निवेश बोर्ड (पीआईबी) द्वारा महत्वपूर्ण वेलू-सिंघपोरा और सुधमहादेव-द्रंगा सुरंग परियोजनाओं की अस्वीकृति पर गहरा दुख व्यक्त किया है और इसे चिनाब घाटी और दक्षिण कश्मीर के लोगों की लंबे समय से चली आ रही आकांक्षाओं के लिए एक गंभीर झटका बताया है।

इस कदम को विश्वासघात बताते हुए राथर ने कहा ये सुरंगें सिर्फ ढांचागत परियोजनाएं नहीं थीं वे डोडा, किश्तवाड़ और अनंतनाग के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए विकास, कनेक्टिविटी और प्रगति की जीवन रेखाएं थीं।

उन्होंने याद दिलाया कि यह मुफ्ती मोहम्मद सईद का दूरदर्शी नेतृत्व था जिसने सबसे पहले रणनीतिक सुरंग लिंक के माध्यम से चिनाब घाटी को कश्मीर से जोड़ने की कल्पना की थी।

उन्होंने कहा परियोजना को बीच में छोड़ना न केवल इन सुरंगों के दोनों छोर पर रहने वाले लोगों के साथ गंभीर अन्याय है बल्कि पूरे केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए नुकसान है।

इन प्रस्तावित सुरंगों में अंतर-क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में क्रांति लाने पर्यटन को बढ़ावा देने, व्यापार को सुविधाजनक बनाने और दूरदराज और वंचित क्षेत्रों में रहने वाले हजारों लोगों के लिए स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा तक पहुंच में सुधार करने की क्षमता है।

हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता

   

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